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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले से आहत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की निगाहें हुईं टेढ़ी



28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2021 तक धारवाड (कर्नाटक) में आयोजित हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में चर्चा किये गये विभिन्न विषयों को लेकर सह प्रान्त कार्यवाह संजय जी ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मीडिया सेन्टर विश्व संवाद केन्द्र में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।


उन्होनें बताया कि कार्यकारी मंडल की बैठक में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है। बांग्लादेश में हिन्दू समाज पर आक्रमण अचानक घटित घटना नहीं है। फेक न्यूज के आधार पर साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गई है, ये हिन्दू समाज के निर्मूलन का योजनाबद्ध प्रयास था।


उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में हिन्दुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर दुःख व्यक्त किया गया है और वहाँ के हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षडयन्त्र की घोर निंदा की गई है। इसके अलावा बैठक में सामाजिक,धार्मिक,सांस्कृतिक एवं पारिवारिक मूल्यों एवं ग्राम विकास से संबंधित विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।


साथ ही सह प्रान्त कार्यवाह जी ने बताया कि इस बार गुरू तेगबहादुर जी के प्रकाष के 400 वर्ष पूर्ण होने पर उनके बलिदान को लेकर समाज में स्वयंसेवक बड़े कार्यक्रम व वैचारिक गोष्ठियों का आयोजन करेंगे।



वहीं अवध प्रान्त में आजादी का अमृत महोत्सव के कार्यक्रम 19 नवम्बर 2021 (महारानी लक्ष्मीबाई जन्मदिवस) से

16 दिसम्बर 2021 (1971 के युद्ध का विजय दिवस) तक मनाये जायेंगे। इसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों (वन्देमातरम् गायन, तिरंगा यात्रा, नुक्कड नाटक के द्वारा समाज को बलिदानी वीरों की जानकारी, इण्टर व डिग्री कालेजों में प्रतियोगिताओं व विचार गोष्ठियां ) आदि का आयोजन समितियों के माध्यम से किया जायेगा। प्रेसवार्ता में प्रान्त प्रचार प्रमुख डा.अशोक दुबे भी उपस्थित थे।


स्टेट टुडे टीवी के साथ विशेष चर्चा में आरएसएस सह प्रान्त कार्यवाह संजय जी ने बताया कि कोरोना काल मे संघ की फिजिकल शाखाएं बंद हुई थी जो अब शुरु हो रही हैं। कुल 1274 स्थानों पर 1800 शाखाएं लग रही हैं। आरएसएस का कार्यक्रम 2023 तक सभी न्याय पंचायतों में शाखाएं शुरू करने का है। उन्होंने बताया कि अवध प्रान्त के साथ साथ पूरे देश में आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष अभियान चलाकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ऐसे महान सभी बलदानियों का इतिहास संरक्षित कर बुक रिलीज करने की तैयारी में है जिन्हें वर्तमान इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला है। ये ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने स्थानीय स्तर पर देश की आजादी के लिए ना सिर्फ संघर्ष किया बल्कि उस दौर की राष्ट्रीय योजनाओं को स्थानीय स्तर पर धरातल पर उतारा।


सह प्रांत कार्यवाह ने बताया कि वर्ष 2025 में आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के दृष्टिगत संघ के विस्तार पर भी जोर है। अवध प्रांत की 1819 न्याय पंचायतों में से 1065 में संघ की दैनिक और 754 में साप्ताहिक शाखाएं लग रही हैं। अवध प्रांत के 174 खंडों और 99 नगरों में भी शाखाओं के माध्यम से संघ की नियमित गतिविधियां जारी हैं।



प्रस्ताव जो संघ ने पास किया


बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल द्वारा भर्त्सना

अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (अ.भा.का.मंडल) बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर अपना गहरा दुःख व्यक्त करता है और वहाँ के हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षडयन्त्र की घोर निंदा करता है।


बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू समाज व हिन्दू मंदिरों पर हिंसक आक्रमण का क्रम बिना रोकटोक चल रहा है। गत समय में दुर्गा-पूजा के पवित्र पर्व काल में प्रारम्भ हुई इस साम्प्रदायिक हिंसा में अनेक निरपराध हिन्दुओं की हत्या हुई, सैकड़ों लोग घायल हुए और हज़ारों परिवार बेघर हो गए। गत दो सप्ताह में ही हिन्दू समाज की अनेक माता-बहनें अत्याचार की शिकार हुईं तथा मंदिरों व दुर्गा-पूजा पंडालों का विध्वंस हुआ।



निराधार झूठे समाचार प्रसारित कर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले कुछ दोषियों की गिरफ़्तारी से यह स्पष्ट हुआ है कि कट्टरपंथी इस्लामिक शक्तियों का वर्तमान आक्रमण एक सुनियोजित षड्यन्त्र था। हिन्दू समाज को लक्षित कर बार-बार हो रही हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिन्दू समाज का संपूर्ण निर्मूलन है, फलस्वरूप भारत विभाजन के समय से ही हिन्दू समाज की जनसंख्या में निरंतर कमी आ रही है।


विभाजन के समय पूर्वी बंगाल में हिन्दुओं की जनसंख्या जहाँ लगभग 28 प्रतिशत थी, वह घटकर अब लगभग आठ प्रतिशत हो गई है। जमात-ए-इस्लाम (बांग्लादेश) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा अत्याचारों के कारण विभाजन काल से और विशेषकर 1971 के युद्ध के समय बड़ी संख्या में हिन्दू समाज को भारत में पलायन करना पड़ा। बांग्लादेश निर्माण के उपरान्त आज भी वही तत्व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहे हैं, जिसके कारण अल्पसंख्यक हिन्दू समाज में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है।


अ.भा.का.मंडल का यह मत है कि बांग्लादेश सरकार अपने ही देश के अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ बढ़ रही हिंसक घटनाओं को रोकने हेतु कठोर कदम उठाये ,सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि हिन्दू विरोधी हिंसा के अपराधियों को कठोर दंड प्राप्त हो ताकि हिन्दू समाज में ऐसा विश्वास उत्पन्न हो कि बांग्लादेश में वे अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए सम्मानपूर्वक सुरक्षित जीवन जी सकते हैं । अ.भा.का.मंडल मानवाधिकार के तथाकथित प्रहरी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र संघ से संबंधित संस्थाओं के गहरे मौन पर चिंता व्यक्त करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आवाहन करता है कि वह इस हिंसा की निंदा करने के लिए आगे आए व बांग्लादेश के हिन्दू, बौद्ध व अन्य अल्पसंख्यक समाज के बचाव व सुरक्षा हेतु अपनी आवाज़ उठाए। हम यह भी आगाह करना चाहते हैं कि बांग्लादेश या विश्व के किसी भी अन्य भाग में कट्टरपंथी इस्लामिक शक्ति का उभार विश्व के शांतिप्रिय देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मानवाधिकार के लिए गम्भीर ख़तरा सिद्ध होगा।


अ.भा.का.मंडल भारत सरकार से भी यह अनुरोध करता है कि वे उपलब्ध सभी राजनयिक माध्यमों का उपयोग करते हुए बांग्लादेश में हो रहे आक्रमणों व मानवाधिकार हनन के बारे में विश्व भर के हिन्दू समाज एवं संस्थाओं की चिंताओं से बांग्लादेश सरकार को अवगत कराये ताकि वहाँ के हिन्दू और बौद्ध समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


कट्टरपंथी हिंसा से पीड़ित बांग्लादेश के हिन्दू भाई-बहनों के साथ जुड़कर संपूर्ण सहयोग करने वाले इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, विश्व हिन्दू परिषद एवं अनेक हिन्दू संगठनों-संस्थाओं की अ. भा. का. मंडल सराहना करता है. हम यह भी विश्वास दिलाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित संपूर्ण हिन्दू समाज बांग्लादेश के हिन्दू और अन्य प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के इस कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में उनके साथ डटकर खड़ा है।


टीम स्टेट टुडे




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