उत्तर प्रदेश की सड़कों पर 90 के दशक का वो दौर लौटता हुआ दिखाई दिया जब समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने साइकिल यात्रा निकाली थी। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग हर जिले में समाजवादियों ने साइकिल यात्रा से प्रदेश की सियासत का पहिया ही पलट दिया। मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने। ये उस दौर की बात है जब अयोध्या में बाबरी ढांचा गिर चुका था और केंद्र की कांग्रेस सरकार ने यूपी की कल्याण सिंह की अगुवाई वाली बीजेपी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। सहानुभूति की लहर पर सवार बीजेपी समाजवादी साइकिल से पिछड़ गई।
दौर बदला है अब अयोध्या में राममंदिर का बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है। एक बार फिर प्रदेश चुनाव के मुहाने पर है। अखिलेश यादव से सत्ता छीनने वाली बीजेपी को समाजवादियों ने एक बार फिर साइकिल की रफ्तार दिखाने का निश्चय किया है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए चुनावी समर में साइकिल यात्रा शुरु कर दी है। उत्साह से लबरेज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने दावा किया है कि पार्टी इस चुनाव में साढ़े तीन सौ से चार सौ सीटें जीतकर सरकार बनाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 में समाजवादी सरकार बनाकर उनके सपनों को साकार किया जाएगा। सपा महंगाई, बेरोजगारी, कुछ समय पहले लागू किए गए तीनों कृषि कानून, आजम खां के उत्पीड़न के खिलाफ सड़क पर उतर रही है। यह विरोध प्रदर्शन निरंतर चलता रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी सरकार सपा के कामों का नाम बदलकर उद्घाटन कर रही है। उन्होंने खुद कोई काम नहीं किया है। बीजेपी कुपोषण, गंगा किनारे लाशों को लकड़ी न देने में, चिताओं को जलाने, दवा की कालाबाजारी कराने, महिलाओं की असुरक्षा, फर्जी इनकाउंटर, भर्ती की मांग करने वालों को पीटने में नंबर वन है।
अखिलेश यादव ने साइकिल पर सवार होकर चुनावी यात्रा शुरु करते हुए कार्यकर्ताओं में जोश भरा। समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए 2022 का चुनाव जीतने का संकल्प दिलाया।
सुबह करीब 11.15 बजे सिर पर लाल टोपी, काली जैकेट पहने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव साइकिल पर सवार हुए। खुद मास्क लगाया और साथ चल रहने वाले अन्य साइकिल यात्रियों को भी मास्क लगाने का इशारा किया। उनके पैडल मारते ही नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं का जत्था निकल पड़ा। कोई गले में भाजपा विरोधी नारा लिखा तख्ती लटकाए था तो कोई हाथ में झंडा लहरा रहा था। लोहिया पथ पर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में हाथ मिलाने और पैर छूने की होड़ लग गई।
टीम स्टेट टुडे
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