मुंबई, 10 जुलाई 2022 : महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है, लेकिन अभी भी सियासी हलचल तेज है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने इस बीच कहा है कि वह अगले सप्ताह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से चर्चा के बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि शिंदे गुट को इस मंत्रिमंडल में अहम रोल मिल सकता है। शिंदे खेमे के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। उद्धव सरकार के आठ मंत्री शिंदे के साथ विद्रोह में शामिल हुए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन सभी को फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि पीएम से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र सरकार की नई मंत्रिमंडल पर मुहर लग गई है।
महाराष्ट्र में अच्छे दिन लाने का वादा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद का इस्तेमाल केवल राज्य के लोगों को न्याय देने और उनके जीवन में "अच्छे दिन" लाने की कोशिश के लिए करेंगे।
शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब के हिंदुत्व और धर्मवीर आनंद दिघे की शिक्षाओं को आगे बढ़ाएंगे। शिंदे ने पुणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बातें कही।
शनिवार को महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से भी भेंट की।
शिंदे बोले- हम अगला चुनाव भी जीतेंगे
आला नेताओं से मुलाकात के बाद शिंदे ने कहा था, "महाराष्ट्र में मजबूत सरकार है। हमारे पास 164 विधायक हैं जबकि विपक्ष के पास 99 हैं। मेरी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। हम अगला चुनाव भी जीतेंगे।"
सीएम ने आगे कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शासन के दौरान शिवसेना के विधायकों का अस्तित्व खतरे में था और इसलिए उन्होंने गठबंधन के खिलाफ विद्रोह किया।
शिंदे ने कहा तब हम बोल नहीं सकते थे इसलिए हमने कदम उठाया। यह केवल भाजपा और शिवसेना का प्राकृतिक गठबंधन है जो महाराष्ट्र को आगे ले जा सकता है।
शिवसेना से हाल ही में की बगावत
बता दें कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और पार्टी से विद्रोह के बाद इस्तीफा देने के चलते शिंदे ने 30 जून को भाजपा के साथ नई सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस सरकार में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री हैं। शिंदे ने ही शिवसेना से विद्रोह का नेतृत्व किया था और कुछ निर्दलीय विधायक भी इसमें शामिल हो गए थे। बता दें कि शिंदे के साथ 40 से अधिक विधायकों ने पार्टी को छोड़ा है।
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