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शिवलिंग के कार्बन डेटिंग पर सुनवाई पूरी, 14 अक्टूबर को आ सकता है फैसला


वाराणसी, 11 अक्टूबर 2022 : ज्ञानवापीमस्जिद मामले में अदालतमें मंगलवार कोज्ञानवापी परिसर में मिलेशिवलिंग के कार्बनडेटिंग पर सुनवाईपूरी हो गईहै। इस परअब फैसला 14 अक्‍टूबर कोआ सकता है।दूसरे केस यानी, ज्ञानवापी परिसर में मिलेकथित शिवलिंग कीपूजा-पाठ कीमांग के अधिकारमामले पर कलयानी 12 अक्‍टूबरको सुनवाई होगी।इस केस कीसुनवाई सिविल जज सीनियरडिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्टमहेंद्र कुमार पांडेय कीकोर्ट में हुई।

वाराणसी में ज्ञानवापीमस्जिद मामले में मंगलवारकी दोपहर दोबजे के बादशिवलिंग के कार्बनडेटिंग पर सुनवाईअदालत में हुई।पहले मामले मेंराखी सिंह समेतपांच महिलाओं कीओर से जिलाजज डा. अजयकृष्ण विश्वेश कीअदालत में शृंगारगौरी के नियमितदर्शन-पूजन समेतअन्य मांगों कोलेकर दाखिल मुकदमेकी सुनवाई होगी।इसमें ज्ञानवापी परिसरमें मिले शिवलिंगके कार्बन डेटिंगकी मांग परअदालत में सुनवाईपूरी हो गई।

ज्ञानवापी परिसर मेंमिले शिवलिंग कीकार्बन डेटिंग को लेकरमंदिर पक्ष नेस्पष्ट किया किउन्होंने शिवलिंग की नहीं, बल्कि उसके आसपासके क्षेत्र मेंकार्बन डेटिंग की मांगकी है। बतायाकि शिवलिंग कामामला मूल वादमें शामिल है।

ज्ञानवापी परिसर मेंश्रृंगार गौरी केनियमित दर्शन-पूजन कीमांग को लेकरपांच महिलाओं कीओर से दाखिलवाद पर जिलाजज डा. अजयकृष्ण विश्वेश कीअदालत में सुनवाईदोपहर दो बजेके बाद शुरूहुई। अदालत नेमंदिर पक्ष कीओर से शिवलिंगके कार्बन डेटिंगको लेकर हुईआपत्ति को संज्ञानलेते हुए इसेस्पष्ट करने कोकहा। साथ हीयह मामला मूलवादसे संबंधित हैया नहीं इसपर भी स्पष्टीकरणमांगा।

ज्ञानवापी परिसर मेंश्रृंगार गौरी केसाथ दृश्य औरअदृश्य देवी-देवताओंके दर्शन-पूजनकी मांग कीगई है मंदिर पक्ष कीवादी मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू (वादीसंख्या दो सेपांच) के वकीलहरिशंकर जैन वविष्णु शंकर जैनने अदालत कोबताया कि उन्होंनेकार्बन डेटिंग की मांगशिवलिंग के लिएनहीं, बल्कि आसपासके क्षेत्र केलिए की है।शिवलिंग के आयुनिर्धारण के लिएऐसी वैज्ञानिक तकनीकअपनाने की मांगीकी है जिससेउसे किसी तरहका नुकसान नपहुंचे। वहीं, बताया किशिवलिंग का मामलामूलवाद से संबंधितहैं। उन्होंने अदालतके सामने मूलवादके बिंदुओं कोरखते हुए स्पष्टकिया कि इसमेंज्ञानवापी परिसर में श्रृंगारगौरी के साथदृश्य और अदृश्यदेवी-देवताओं केदर्शन-पूजन कीमांग की गईहै। एडवोकेट कमिश्नरकी कार्यवाही केदौरान 16 मई कोमिला शिवलिंग पहलेअदृश्य था।

अब दृश्यहै तो यहमूल वाद सेसंबंधित है। मस्जिदपक्ष ने इसपर जवाब दाखिलकरने के लिएअदालत से वक्तमांगा था। बतादें कि मंदिरपक्ष (वादी संख्यादो से पांच) की ओर सेशिवलिंग के आयुनिर्धारण की मांगकरते हुए प्रार्थनापत्र अदालत मेंदाखिल किया था।प्रार्थना पत्र मेंकार्बन डेटिंग समेत अन्यवैज्ञानिक तकनीक अपनाने कीबात लिखी है।

इस परमंदिर पक्ष कीराखी सिंह (वादीसंख्या) ने आपत्तिकी। उनके वकीलमानबहादुर सिंह वअनुपम द्विवेदी नेकहा कि इससेशिवलिंग को नुकसानपहुंचेगा। साथ हीकहा था कियह मामला मूलवादसे संबंधित नहींहै। मस्जिद पक्षने अपने वकीलमेराजुद्दीन सिद्दिकी, रईश अहमदके जरिए आपत्तिदाखिल की थी।इसमें सुप्रीम कोर्टके आदेश काहवाला देते हुएकहा था किइसमें जहां शिवलिंगमिले की बातकही जा रहीहै, उस क्षेत्रको संरक्षित करनेको कहा गयाहै। इसलिए वहांकिसी तरह कीगतिविधि नहीं होसकती है।

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