अयोध्या, 1 जुलाई, 2023 : नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में रामलला की स्थापना का उत्सव अगले वर्ष 15 से 24 जनवरी के मध्य प्रस्तावित है। इस अवसर पर अयोध्या आकर्षण के केंद्र में होगी ही, किंतु श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना अयोध्या को उत्सव के केंद्र में स्थापित करने के साथ इस अवसर पर पूरे देश को राममय बनाने की है। यह कहना है ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय का। वह शुक्रवार को राम मंदिर भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद अयोध्या के कारसेवकपुरम में संवाददाताओं से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि रामलला की स्थापना के समय देशव्यापी उत्सव क्षेत्रीय मंदिरों को केंद्र बनाकर मनाया जाएगा। चंपतराय के संकेतों के अनुसार उत्सव के आयोजन की कमान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के हाथों में होगी। आरएसएस के पास बड़े आयोजनों का अनुभव है। 1992 में भी यदि अयोध्या से कोई भूखा नहीं लौटा था, तो उसके पीछे संघ का कुशल प्रबंधन ही था।
बैठक के संबंध में महासचिव ने बताया कि राम मंदिर के दर्शनार्थियों की व्यवस्था के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बिड़ला मंदिर के सामने से राम मंदिर तक निर्माणाधीन राम जन्मभूमि पथ के नुक्कड़ पर ट्रस्ट की योजना ऐसे दो स्तंभ स्थापित कराने की है, जिससे सुदूर क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को राम मंदिर से जुड़ते मार्ग का संकेत मिल सके। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस नुक्कड़ पर प्रवेश द्वार जैसे किसी निर्माण की योजना नहीं है। इस नुक्कड़ से राम मंदिर के बीच सात सौ मीटर का फासला फाइबर की छत से युक्त होगा, ताकि श्रद्धालुओं को धूप का सामना न करना पड़े।
यात्री सुविधा केंद्र की छत पड़ी
रामलला के दर्शनार्थियों के लिए 25 हजार की क्षमता वाला यात्री सुविधा केंद्र निर्मित किया जा रहा है। यहां यात्री दर्शन की प्रक्रिया के दौरान अपने साथ की वस्तुएं रख सकेंगे और उनके लिए प्रसाधन की भी व्यवस्था होगी। चंपतराय के अनुसार सुविधा केंद्र के बेसमेंट की छत पड़ गई है और बाकी का निर्माण दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
जटायु के मंदिर का भी दर्शन कर सकेंगे
राम मंदिर के साथ अनेक उप मंदिरों की स्थापना होनी है। इनमें से कुबेर टीला पर जटायु के उप मंदिर का निर्माण दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। जनवरी से नवनिर्मित मंदिर में रामलला का दर्शन करने के साथ श्रद्धालु जटायु के भी मंदिर का दर्शन कर सकेंगे।
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