लखनऊ, 11 अक्टूबर 2022 : उत्तर प्रदेश सरकार नेअमरोहा, कुशीनगर व गोंडामें कागजों मेंचल रहे फर्जीमदरसों की शिकायतमिलने के बादमदरसा आधुनिकीकरण योजनामें शामिल सभी 7442 मदरसों की जांचका निर्णय लियाथा। मई मेंसरकार ने जांचके आदेश दिएथे। तीन महीनेमें जांच पूरीकरनी थी। अबतक छह महीनेबीत चुके हैंलेकिन यह जांचपूरी नहीं होसकी।
मदरसों को मिलताहै अनुदान
दरअसल, केंद्र सरकारद्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजनाके तहत मुस्लिमबच्चों को गुणवत्ताव आधुनिक शिक्षाके लिए अनुदानदिया जाता है।दीनियात की पढ़ाईके अलावा विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदीव सामाजिक अध्ययनजैसे विषय पढ़ानेके लिए प्रत्येकमदरसे में तीन-तीन शिक्षकरखे जाते हैं।स्नातक शिक्षकों को छहहजार व परास्नातकशिक्षकों को 12 हजार रुपयेमानदेय दिया जाताहै। प्रदेश सरकारभी स्नातक शिक्षकोंको दो हजारव परास्नातक शिक्षकोंको तीन हजाररुपये अतिरिक्त मानदेयदेती है। इसयोजना में प्रदेशके 7442 मदरसों के 21126 शिक्षकशामिल हैं।
एक हीसोसायटी कर रहीकई का संचालन
उत्तर प्रदेश मदरसाशिक्षा परिषद की बोर्डबैठक में इससाल अप्रैल माहमें सदस्य तनवीररिजवी ने अमरोहाके कई मदरसोंके अस्तित्व मेंन होने कीशिकायत की थी।इसके बाद बोर्डने सर्वसम्मति सेप्रदेश के मदरसाआधुनिकीकरण में शामिलसभी मदरसों कीजांच कराने कानिर्णय लिया। सूत्रों केअनुसार एक हीसोसायटी कई मदरसोंका संचालन कररही है। बोर्डअध्यक्ष डा. इफ्तिखारअहमद जावेद नेमदरसा आधुनिकीकरण मेंशामिल मदरसों मेंदी जा रहीशिक्षा की गुणवत्ताकी भी जांचविशेषज्ञों के पैनलसे कराने काभी निर्णय लिया।इस प्रस्ताव कोशासन के पासभेजा गया था।
जिलों से रिपोर्टभेजने को कहा
प्रदेश सरकार नेमई माह मेंसभी आधुनिकीकरण केमदरसों की जांचकराने के आदेशदे दिए थे।यह जांच तीनमाह में पूरीकरनी थी। अबतक करीब छहमहीने बीतने केबावजूद अभी तकजिलों ने अपनीजांच रिपोर्ट मदरसाबोर्ड को नहींभेजी है। मदरसाबोर्ड के रजिस्ट्रारजगमोहन सिंह नेबताया कि बहुतकम जिलों नेही रिपोर्ट अभीभेजी है। जहांकी शिकायतें थींवहां से भीजांच रिपोर्ट अभीनहीं आई है।संबंधित जिलों को फिरसे पत्र भेजकरजांच रिपोर्ट तत्कालभेजने के लिएकहा गया है।
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