लखनऊ, 31 अगस्त 2022 : लंबे समय से विक्रमादित्यमार्ग पर समाजवादी पार्टी मुख्यालय के आसपास चल रही अवैध दुकानों पर नगर निगम का बुलडोजर चला। देखते ही देखते अवैध दुकानें जमींदोज हो गईं। नगर निगम की इस कार्रवाई को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है। दरअसल, अवैध कब्जों को हटाने का निर्णय मंगलवार शाम को ही लिया गया था और प्रवर्तन दल के कर्मचारियों को भी कार्रवाई से जुड़ी जानकारी नहीं दी गई थी।
नगर निगम जोन एक के साथ प्रवर्तन टीम भारी मात्रा में पुलिस बल के साथ विक्रमादित्य मार्ग पहुंची और सपा मुख्यालय के आसपास की दुकानों को तोड़ा जाने लगे। इसमे कुछ अस्थाई दुकानें थी, जबकि कुछ ने पक्का दुकान बना लिया था। इन सभी दुकानों पर समाजवादी पार्टी के झंडे, मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं की फोटो के अलावा टोपी, बिल्ले इत्यादि की बिक्री होती थी। दुकानदारों का ही यह प्रभाव था कि न तो पुलिस और न ही नगर निगम ने कोई कार्रवाई यहां की थी।
नगर निगम का बुलडोजर देखकर यहां दुकानदारों में हड़कंप मच गया और दुकानदार सामान समेटते हुए नजर आने लगे तो खोमचों में खाने-पीने का सामान बेचने वाले भाग खड़े हुए। भारी संख्या पुलिस बल के चली कार्रवाई में छह दुकानों को तोड़ा गया। ये अधिकांश दुकानें विक्रमादित्य मार्ग पर फुटपाथ के लिए आरक्षित जगहों पर दुकानें बनी थी। पहले तो टेंट लगाकर झंडे बैनर को बेचा जाता था और धीरे-धीरे वहां पर मजबूत ढांचा खड़ा हो गया था। कुछ दुकानें नाले से सट कर बनी थी तो देखा-देखी दूर तक फुटपाथ अवैध कब्जों की चपेट में आने से खरीददारों के वाहनों से भी जाम लगता था।
नगर निगम की यह कार्रवाई पूर्व निर्धारित थी। ये सभी दुकानें अवैध तरह से फुटपाथ पर चल रही थीं और पूर्व में भी दुकानों को हटाने की चेतावनी दी गई थी। -राजेश सिंह, जोनल अधिकारी नगर निगम
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