बरेली, 22 सितंबर 2022 : नये चुनाव से पहलेभाजपा मुस्लिम बहुलबूथों पर ताकतबढ़ाने में जुटीहै। उनका भरोसाजीतने की जिम्मेदारीअल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियोंको सौंपी गईहै। वे ऐसेबूथों पर जाकरमुस्लिमों से संवादकरेंगे, सरकारी योजनाओं केलाभ गिनाकर सरकारके करीब लानेका प्रयास करेंगे।इसके लिए अल्पसंख्यकमोर्चा ने प्रदेशोंमें प्रशिक्षण सत्रशुरू कर दिएहैं।इससे दो लक्ष्यसाधने की जुगतहै।
पहला यहकि मुस्लिमों केलिए सिर्फ कांग्रेस, सपा या बसपाही नहीं, भाजपाभी विकल्प है।दूसरा- बहुसंख्यकों का मजबूतीसे साथ मिलरहा, इसमें अल्पसंख्यकभी जुड़ जाएं।जिन प्रदेशों मेंविधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, उन पर ज्यादाध्यान दिया जारहा।
जम्मू-कश्मीर मेंपांच सितंबर, इसकेबाद हिमाचल प्रदेशमें प्रशिक्षण सत्रहो चुका है।श्रीनगर के प्रशिक्षणसत्र में बतौरअतिथि शामिल होनेवाले अल्पसंख्यक मोर्चाके राष्ट्रीय उपाध्यक्षअजमल जैदी बतातेहैं कि भाजपाके प्रति मुस्लिमोंकी सोच मेंबड़ा बदलाव हुआ।
जम्मू, हिमाचल औरबिहार के प्रवासमें देखा किअब मुस्लिम कार्यकर्तासंकोच नहीं करते।वे आत्मविश्वास केसाथ सरकार कीयोजनाओं की जानकारीमुस्लिम बहुल क्षेत्रोंमें पहुंचा रहे।उत्तर प्रदेश मेंभी इस तरहका प्रशिक्षण होचुका है। बीतेविधानसभा चुनाव में प्रदेशके मुस्लिम मतदातासंदेश दे चुकेकि उनके लिएभाजपा से परहेजनहीं है।
उस चुनावमें करीब आठप्रतिशत मुस्लिम वोट मिलेथे। पार्टी नेभी दानिश आजादको मंत्रिमंडल मेंशामिल कर संदेशदिया कि कामकरने वाले कार्यकर्ताका सम्मान है।अब लोकसभा चुनावकी तैयारी भीचल रही। भारतीयजनता पार्टी अल्पसंख्यकोंको साधने मेंकितना सफल होगी, यह तो आनेवाला वक्त हीबताएगा।
Comments