google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

सुशील मोदी ने नाम गिनाकर नीतीश से पूछा, किस मजबूरी में अपराधियों को बनाया मंत्री


पटना, 16 अगस्त 2022 : महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के शपथ लेते ही मंगलवार को बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला किया। आपराधिक छवि के मंत्रियों को तरजीह देने का आरोप लगाते हुए सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि ऐसे लोगों को कुर्सी देने की क्या मजबूरी थी? ट्विटर पर बयान जारी कर भाजपा सांसद ने कहा कि जो वित्त विभाग राजद के पास होना चाहिए था वह भी जदयू ने उनसे छीन लिया। कैबिनेट में दो वर्गों के 33 प्रतिशत स्थान देने की बात करते हुए मोदी ने कहा कि यह संतुलित मंत्रिपरिषद नहीं है। इसका देश में सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा।

जिनसे जनता डरती है उन्हें बनाया मंत्री

बिहार कैबिनेट के गठन के बाद भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड किया। उन्होंने कहा कि राज्य कैबिनेट में अपराधिक छवि के लोगों की भरमार है। मंत्रियों में सामाजिक संतुलन नहीं है। राजद की ओर से ललित यादव, रामानंद यादव, सुरेंद्र यादव और कार्तिक कुमार जैसे दागदार छवि के लोग हैं। सुशील मोदी ने कहा कि ललित यादव वहीं हैं जिन्होंने ट्रक ड्राइवर के पांव के नाखून उखाड़ लिए थे। आरोप में ललित को लालू यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र यादव पर यौन शोषण समेत नौ मुकदमे चल रहे हैं। रामानंद और कार्तिक कुमार की भी वही स्थिति है। उन्होंने कहा कि ये ऐसे नेता हैं, जो अपने इलाके में चलते हैं तो लोग डर जाते हैं। सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा कि उन्होंने किस मजबूरी में आपराधिक छवि वालों को मंत्री बनाया है।

आपराधिक छवि वालों की मंत्रिपरिषद में भरमार

सुशील मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल में दो वर्ग के लोगों को 33 प्रतिशत स्थान दिया गया। तेली समाज का एक मंत्री नहीं बनाया गया। कान्यकुब्ज और कायस्थ समाज से किसी को तरजीह नहीं दी गई। मंत्रियों में राजपूतों की संख्या घटा दी गई। उन्होंने कहा कि यह संतुलित मंत्रिपरिषद नहीं है। सुशील मोदी ने याद दिलाया कि एनडीए सरकार में अतिपिछड़ा समाज से आने वाली रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। वैश्य समाज के तारकिशोर प्रसाद डिप्टी सीएम थे। वित्त विभाग राजद के पास होना चाहिए था। जदयू ने दोनों प्रमुख विभाग अपने पास रख लिया। उन्होंने कहा कि असंतुलित और आपराधिक छवि वालों की मंत्रिपरिषद में भरमार है। इस कैबिनेट के गठन का साकारात्मक संदेश पूरे देश में नहीं जाएगा।

मंत्रिमंडल गठन में अति पिछड़ों की उपेक्षा: डा. प्रमोद चंदवंशी

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधान पार्षद डा. प्रमोद चंद्रवंशी ने बिहार मंत्रिमंडल गठन में अति पिछड़ों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी के हिसाब से अति पिछड़ों की जो हिस्सेदारी होनी चाहिए, उससे उन्हें वंचित रखा गया। जबकि महागठबंधन की सरकार खुद को अतिपिछड़ों का मसीहा होने का दावा करती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल तो पूरी तरह से एमवाइ समीकरण पर सरकार चलाने की दिशा में आगे बढ़ गया है। उसने अति पिछड़ा समाज से महज एक विधायक को ही मंत्री बनाकर इस समाज की घोर अवहेलना की है। चंद्रवंशी ने कहा कि अति पिछड़ों के वोटबैंक को भरपूर इस्तेमाल की कोशिश करने वाली नीतीश और तेजस्वी की सरकार में इस बड़े समाज को उपेक्षित रखकर उन्हें उनका हक नहीं दिया गया है। राज्य में अति पिछड़ों की करीब 33 फीसदी आबादी है, इस हिसाब से मंत्रिमंडल में कम से कम उनकी संख्या 9 से 10 होनी चाहिए। महागठबंधन के नेता अक्सर भाजपा पर अति पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन जब उनकी बारी आई तो उन्होंने पूरी तरह से इस समाज को नजरअंदाज करते हुए मंत्रिमंडल का गठन किया। दोनों दलों में इस समाज के पर्याप्त विधायक होते हुए भी उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है। इससे समाज में मायूसी और दुख व्याप्त है।


2 views0 comments
bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0