लखनऊ, 9 मई 2023 : लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक जल्द ही औषधीय रसायनों से लेकर कैंसर चिकित्सा के लिए दवाओं के संयोजन पर काम करेंगे। राज्य विश्वविद्यालय रिसर्च एक्सीलेंस योजना के तहत साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय की ओर से मेडिसिन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सामाजिक लाभ के अन्य क्षेत्रों में नवीन शोधों के लिए एक करोड़ अस्सी लाख का अनुदान मिला है। इनमें कुल सात शिक्षकों के 30-30 लाख रुपये के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे अधिक प्रोजेक्ट रसायन विज्ञान विभाग को, दो प्रोजेक्ट जूलॉजी विभाग को और एक प्रोजेक्ट स्टेटिस्टिक्स को दिया गया है। डा. नीरज कुमार मिश्रा ड्रग कैंडिडेट्स के लेट-स्टेज सी-एच फंक्शनलाइजेशन पर काम करेंगे, जो औषधीय रसायनज्ञों को लेट-स्टेज ड्रग एनालॉग्स की लंबी प्रक्रिया संश्लेषण को बायपास करने में मदद करेगा। डॉ. सुनील कुमार राय को कैंसर चिकित्सा के लिए दवाओं के संयोजन के लिए अनुदान मिला है। वहीं, डॉ. प्रतिभा बंसल और डॉ. सीमा मिश्रा अधिक क्षमता वाली विद्युत रासायनिक ऊर्जा भंडारण उपकरणों के निर्माण पर काम करेंगे। जूलॉजी विभाग में डॉ. आशुतोष रंजन और डॉ. आकांक्षा शर्मा को प्रवासी पक्षियों के व्यवहार पर काम करने के लिए फंड दिया गया है। सांख्यिकी विभाग के प्रो. शशि भूषण रैंक्ड सेट सैंपलिंग प्रोटोकॉल के तहत मजबूत अनुमान प्रक्रियाओं पर काम करेंगे।
एनईपी में शोध को बढ़ावा :
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने सभी प्रोजेक्ट पाने वाले संकाय सदस्यों को बधाई दी है। उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार पर जोर देती है। इस अनुदान से अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा एवं विश्वविद्यालय में शोध का पर्यावरण बनेगा। मास्टर्स और पीएचडी विद्यार्थियों को सीखने के अधिक अवसर मिलेंगे।
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