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सपा को जातीय जनगणना पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं


लखनऊ, 25 फरवरी 2023 : प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर पक्ष-विपक्ष में छिड़ी बहस के बीच उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर जातीय जनगणना के समर्थन की बात दोहराई है। विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं जातीय जनगणना के समर्थन में हूं। जातीय जनगणना के विरोध में नहीं हूं, लेकिन अखिलेश यादव को इस संबंध में बोलने का अधिकार नहीं है। मौर्य भाजपा के पहले ऐसे नेता हैं जो खुलकर जातीय जनगणना के समर्थन की बात कर रहे हैं।

केशव के बयान को सुबह उनके ट्वीट से भी जोड़कर देखा जा रहा है, अपनी तस्वीर शेयर कर लिखा था, बदलते मौसम के लिए रहे तैयार...। केशव मौर्य ने जातीय जनगणना के समर्थन की बात के साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन की सरकार सभी जातियों की भलाई व उत्थान के लिए शानदार ढंग से काम कर रही है। इसलिए हम लोग लगातार चार चुनाव में चौका लगा चुके हैं।

अब 2024 और 2027 जीतकर छक्का लगाएंगे। उपमुख्यमंत्री ने सपा प्रमुख पर हमला करते हुए कहा कि अखिलेश को जातीय जनगणना पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। वह अपनी पार्टी के अंदर ही जाति के आधार पर न्याय नहीं दे सकते। समाजवादी पार्टी पर एक ही परिवार का कब्जा है। जातीय जनगणना की मांग करने वाले सत्ता में रहते हुए जातीय न्याय न कर सके।

एनकाउंटर पर अखिलेश यादव द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर कहा कि, जो अपराध करेगा वो जेल जाएगा। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाना अपराधियों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करना और अपराध को बढ़ावा देना है। उनका अपराधियों के साथ रिश्ता-नाता रहा है। इसलिए वो उनके समर्थन में बोल रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ जब कार्रवाई होती है। तो सबसे ज्यादा दर्द इनके सरदार अखिलेश यादव को होता है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसीलिए हंगामा कर रहे हैं।

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