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यूपी के शहरों में आइएस के आतंकी तेजी से बढ़ा रहे नेटवर्क


लखनऊ, 15 नवंबर 2023 : प्रदेश के कई बड़े शहरों में इस्लामिक स्टेट (आइएस) का नेटवर्क बढ़ा रहे आतंकी कई घटनाओं का गहरा षड्यंत्र भी रच रहे थे। एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने आतंकी माज बिन तारिक की निशानदेही पर अलीगढ़ से एक पिस्टल व पांच कारतूस बरामद किए हैं। जबकि आतंकी अब्दुल्ला के ठिकाने से कुछ इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद की गई हैं, जिन्हें जांच के लिए एफएसएल भेजा जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि अब्दुल्ला व माज बिन तारिक ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उनके निशाने पर गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती थे। उन पर हमले के लिए पिस्टल खरीदी गई थी। नरसिंहानंद अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। आरोपितों के निशाने पर हिंदू संगठनों के कई अन्य नेता भी थे। एटीएस इस दिशा में और गहनता से छानबीन कर रही है।

एटीएस ने अब्दुल्ला व माज की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद दोनों को लखनऊ जेल में दाखिल करा दिया है।एटीएस अब छत्तीसगढ़ से पकड़े गए मास्टरमाइंड वजीहुद्दीन के अलावा अलीगढ़ से पकड़े गए राकिब इमाम अंसारी, संभल से पकड़े गए नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान व मोहम्मद नाजिम को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में है।

वजीहुद्दीन की पुलिस रिमांड की अर्जी पर बुधवार को लखनऊ स्थित कोर्ट में सुनवाई है। जबकि राकिब, नावेद, नोमान व नाजिम को पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी। इन आरोपितों की पुलिस रिमांड स्वीकार होने के बाद एटीएस अब्दुल्ला व माज बिन को दोबारा पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास भी करेगी जिससे उनका साथियों से सामना कराया जा सके। एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल का कहना है कि आइएस आतंकियों के पूरी नेटवर्क की छानबीन की जा रही है।

आरोपितों की निशानदेही पर एक पिस्टल व कारतूस बरामद की गई हैं। माज बिन ने पिस्टल खरीदी थी। एटीएस माज को पिस्टल बेचने वाले की भी तलाश कर रही है। आतंकियों ने हमले की साजिश के तहत पिस्टल खरीदी थी। जबकि अब्दुल्ला के ठिकाने से बरामद इलेक्ट्रानिक डिवाइस में आइएस का साहित्य व बम बनाने के फार्मूलों की जानकारी है। एटीएस अन्य आतंकियों की भी तलाश कर रही है।

आतंकियों के नेटवर्क से जुड़े कई संदिग्ध युवकों की तलाश

एटीएस ने अलीगढ़ से आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को पांच नवंबर को पकड़ा था। इनसे पूछताछ में सामने आया था कि वे आइएस के पुणे माड्यूल से जुड़े हैं। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी कर चुके वजीहुद्दीन के छत्तीसगढ़ से पकड़े जाने के बाद यह भी सामने आया था कि एएमयू के छात्र संगठन एसएएमयू (स्टूडेंट्स आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) की आड़ में नए युवकों को आइएस के नेटवर्क से जोड़ रहा था। इन्हें वजीहुद्दीन ही जिहाद के लिए उकसाकर आइएस से जोड़ता था।

एक माह पूर्व दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी शहनवाज व रिजवान को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद यूपी में सक्रिय अब्दुल्ला, माज बिन, वजीहुद्दीन, अब्दुल समद, फैजान बख्तियार, नावेद सिद्दीकी व अरशद वारसी समेत अन्य आतंकियों की जानकारी सामने आई थी। एटीएस की कई टीमें इन आतंकियों व उनके सक्रिय साथियों को लेकर संभल, प्रयागराज, लखनऊ, रामपुर, कौशांबी, सहारनपुर व अन्य जिलों में छानबीन कर रही हैं।


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