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टिकट न मिलने से सपा गठबंधन में बगावत, सहयोगी दल तोड़ रहे नाता


लखनऊ, 9 जून 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद की 13 सीटोंपर होने जारहे चुनाव सेपहले समाजवादी पार्टीगठबंधन में दरारेंपड़ने लगी हैं।सपा की सहयोगीसुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और महानदल ने विधानपरिषद चुनाव मेंसीट न मिलनेपर नाराजगी जताईहै। महान दलने तो सपागठबंधन से खुदको अलग करलिया है। सुभासपामें भी विरोधके स्वर फूटनेलगे हैं।

यूपी विधानपरिषद चुनाव केलिए बुधवार कोसपा के चारउम्मीदवारों ने नामांकनदाखिल कर दियाहै। इनमें सेदो सपा नेताआजम खां केनजदीकी हैं। पार्टीकी ओर सेतय किए गएउम्मीदवारों में स्वामीप्रसाद मौर्य, करहल केपूर्व विधायक सोबरनसिंह यादव केपुत्र मुकुल सिंहशामिल हैं। इसकेअलावा सहारनपुर सेशाहनवाज खान शब्बूव सीतापुर केजासमीर अंसारी का नामशामिल है।

उत्तर प्रदेश मेंविधान परिषद की 13 सीटों के लिएहो रहे चुनावमें चार सीटेंसपा को मिलनीहैं। सपा मेंकई दिनों सेएमएलसी प्रत्याशियों के नामको लेकर रस्साकशीचल रही थी।चूंकि सपा नेराज्यसभा की एकसीट सहयोगी दलरालोद को दीथी इसलिए विधानपरिषद में सुभासपाको एक सीटमिलने की उम्मीदथी। अखिलेश यादवने भी सुभासपासे एमएलसी कीएक सीट देनेका वादा कियाथा। बुधवार कोसपा ने अल्पसंख्यकसमुदाय के दोप्रत्याशियों को विधानपरिषद भेजने कीरणनीति के तहतसहयोगी दल कोएक भी सीटनहीं दी।

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटेव राष्ट्रीय महासचिवअरुन राजभर नेइस पर नाराजगीव्यक्त की है।उन्होंने सपा प्रत्याशियोंके नामांकन केबाद ट्वीट कियाकि ' भागीदारी देनेकी बात सिर्फजुबां तक सीमितरखने से जनताउनको सीमित करदेती है। जोमेहनत करे, ताकतदे, उनको नजरअंदाजकरो। जो सिर्फबात करे उसकोआगे बढ़ाओ, यहआगे के लिएहानिकारक है।'

सुभासपा के राष्ट्रीयप्रवक्ता पीयूष मिश्रा नेकहा कि 'अखिलेशयादव का आजका फैसला निश्चितही सुभासपा कार्यकर्ताओंको निराश करनेवाला है। एकसहयोगी 38 सीट लड़करआठ सीट जीततीहै तो उन्हेंराज्यसभा, हमें वहांकोई एतराज नहींहै। हम 16 सीटलड़कर छह जीततेहैं तो हमारीउपेक्षा ऐसा क्यों?'

वहीं, विधान परिषदन भेजे जानेसे नाराज महानदल के अध्यक्षकेशव देव मौर्यने तो बड़ाफैसला ले लियाहै। उन्होंने सपागठबंधन से खुदको अलग करलिया है। उन्होंनेकहा कि दवाबडालने वालों कोअखिलेश यादव विधानपरिषद और राज्यसभाभेज रहे हैं।अखिलेश चाटुकारों से घिरेहैं। उन्हें अबमेरी जरूरत नहींहै। लिहाजा वहगठबंधन तोड़ने का फैसलाले रहे हैं।महान दल कोसपा ने विधानसभामें दो सीटेंदी थीं, हालांकिदोनों पर हीउसके प्रत्याशी हारगए थे।
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