लखीमपुर, 20 सितंबर 2022 : एक ऐसा मंदिरजहां की मान्यताहै कि यहाजो मनौती मांगोंवह पूरी होतीहै। हैरत कीबात ये हैकि ये मन्नतकोई देवी यादेवता पूरी नहींकरते बल्कि गिद्धको जोड़ा पूरीकरता है। जीहां पिछले साठसाल से इसमंदिर की यहीमान्यता है। जिलामुख्यालय से करीबबीस किलोमीटर कीदूरी पर स्थितविकास खंड नकहाके कोठीला ग्रामपंचायत में 60 साल पूर्वएक मंदिर कानिर्माण ग्रामीणों ने करायाथा। इस मंदिरमें दो मूर्तियांस्थापित हैं। यहमूर्तियां किसी देवी-देवताओं की नहींबल्कि गिद्ध केजोड़े की हैं।
इस मंदिरको लोग गिद्धसती मंदिर केनाम से पुकारतेहैं। यहां हररोज बड़ी संख्यामें लोग आकरपूजा पाठ करतेहैं और अपनीमन्नतें मांगते हैं। ग्रामीणोंकी मान्यता हैकि इस मंदिरमें उनकी मांगीहर मुराद पूरीहोती है। मंदिरप्रांगण में हरसाल बसंत पंचमीसे एक महीनेका मेला भीलगता है। जिसमेंदूर दूर तकके लोग आतेहैं।
गांव केलोगों के मुताबिक 60 साल पहले गांवसे कुछ दूरीपर नहर केकिनारे एक पशुकी मौत होगई थी। जिसेखाने के लिएगिद्धों का झुंडआ गया था।जानवर का मांसखाने के बादसभी गिद्ध उड़गए। लेकिन एकगिद्ध की मौतहो गई थी।गिद्ध की मौतके बाद एकमादा गिद्ध भीवहीं मौजूद रही।ग्रामीणों के मुताबिककुछ दिन बादही खाना पीनाछोड़ चुके मादागिद्ध की भीमौत हो गई।
दस दिनतक नर गिद्धके शव परबैठी रही थीमादा गिद्ध
ग्रामीण रामप्रसाद वर्माबताते हैं किमादा गिद्ध मृतगिद्ध के शवके पास बैठीरहती थी। वहकुछ खाए बिनाही वहां सेथोड़ी दूर परनहर में जाकरस्नान करती थीऔर फिर लौटकर मृत गिद्धके शव केपास आ जातीथी। यह सिलसिलाकई दिनों तकचला। करीब 10 दिनोंके बाद दूसरेगिद्ध ने भीअपने साथी गिद्धके शव केपास ही प्राणत्याग दिए। गिद्धजोड़ों के बीचकी यह प्रेमकहानी क्षेत्र केहर बुजुर्ग औरजवान की जुबानपर रटी हुईहै।
गांव वालोंने दोनों मृतकगिद्धों के शवोंका विधि विधानसे गांव केपास ही अंतिमसंस्कार कर दिया।साथ ही एकछोटा मंदिर भीबना दिया। जिसमेंदोनों गिद्धों कीमूर्तियां रखी गई।धीरे धीरे यहांकाफी लोग श्रद्धाभाव से आनेलगे। गांव वालोंने बाद मेंभव्य मंदिर बनादिया। वर्तमान मेंइस मंदिर कमेटीके अध्यक्ष गांवके रंजीत कुमारवर्मा है। शिवपुरगांव के उत्तमशुक्ला इस मंदिरके पुजारी है।खास बात यहहै कि इसमंदिर में रविवारके दिन ज्यादाश्रद्धालु आते हैं।पूजा अर्चना करतेहैं और अपनीमन्नते मांगते हैं।
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