मेरठ, 26 अगस्त 2022 : चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में स्मार्ट फोन व टेबलेट वितरण समारोह को संबोधित करते मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है। प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसे अब प्रथम स्थान पर लाना है।
युवाओं को तकनीक में सक्षम बनाने को दिए टेबलेट
यूपी की आबादी 25 करोड़ है। हमारे पास सबसे ज्यादा योग्य युवा हैं। युवाओं को तकनीक में सक्षम बनाने के लिए टेबलेट व स्मार्टफोन दिए है। पहले युवाओं को कोचिंग के लिए बाहर जाना पड़ता था। उनके लिए सरकार ने अभ्युदय कोचिंग शुरू कराई है। जिसमें निश्शुल्क कोचिंग दी जा रही है। युवा टेबलेट के माध्यम से ऑनलाइन अभ्युदय कोचिंग भी कर सकेंगे। उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जोड़ने का मौका मिलेगा।
सकारात्मक ऊर्जा से कार्य करने पर मिलेगी सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय युवाओं को सुरक्षित तरीके से वापस लाए। प्रवासियों को सुरक्षित वापस पहुंचाया। रोजगार की व्यवस्था की। हमने प्रतिष्ठित संस्थाओं से एमओयू किया है, ताकि तकनीकी सक्षमता का लाभ समाज व युवाओं को मिल सके। प्रधानमंत्री ने पंच प्रण दिलाया है। उसे पूरा करना है। हम सब ईमानदारी से कार्य करें। सकारात्मक ऊर्जा से कार्य करेंगे तो सफलता मिलेगी। 2017 से पहले प्रदेश में लड़कियां स्कूल नहीं जा पाती थी। यहां विकास की सोच खत्म हो गई थी, लेकिन अब देश मे शीर्ष तीन प्रदेश में निवेश के लिए उत्तर प्रदेश का चयन होता है।
नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की संपत्ति जब्त करेंगे
यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है। प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसे अब प्रथम स्थान पर लाना है। इसके लिए हर व्यक्ति को सकारात्मक होना पड़ेगा । मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय व कृषि विश्वविद्यालय है। अब यहां सूबे का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित कर रहे हैं। शिक्षा नीति से खेल को जोड़ेंगे। जब गांव-गांव खेल एकडेमी बनेगी तो नशे के सौदागर युवा पीढ़ी को बर्बाद नहीं कर पाएंगे। युवा को नशे के खिलाफ लड़ाई में जोड़ेंगे । नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की संपत्ति जब्त करेंगे।
समग्र विकास के लिए सभी का योगदान आवश्यक है
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ कमिश्नरी विकास का कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सरकार सुविधा दे सकती है, लेकिन समग्र विकास के लिए सभी का योगदान आवश्यक है। आज भी हमारी 70 फीसद आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। घरौनी के माध्यम से जिसका जहां मकान है, उसका वहां मालिकाना हक दिया गया है। घरौनी वाले लोग बैंक से लोन भी ले पाएंगे।
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