लखनऊ, 14 अक्टूबर 2023 : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाए। किसानों से पराली न जलाने की अपील की जाए। इसके बाद भी अगर किसान पराली जलाते हैं तो उनसे जुर्माना वसूला जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। मुख्य सचिव ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एनसीआर के आठ तथा संवेदनशील 10 अन्य जिलों के मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदूषण को देखते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। सभी अपने-अपने जिलों में ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखें। राजस्व ग्राम के लिए लेखपाल की जिम्मेदारी तय की जाए कि वह अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं न होने दें। न्याय पंचायत, विकासखंड, तहसील एवं जिला स्तर पर टीमों का गठन कर जन जागरूकता एवं प्रवर्तन की कार्रवाई की जाए।
सेटेलाइट से रखी जा रही है नजर
मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को बताया जाए कि पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से लगातार नजर रखी जा रही है। पराली जलाने से कार्बन डाई आक्साइड व कार्बन मोनो आक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती हैं। इससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही सांस संबंधी कई बीमारियां होती हैं। पराली या फसलों के अवशेष से खाद बनाकर उपयोग किया जा सकता है।
किसानों को करें जागरूक
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो किसानों को जागरुक करें। उन्होंने कहा कि मंडी, सड़क किनारे, बाजार, स्कूल, पेट्रोल पंप, पंचायत भवन आदि स्थानों पर होर्डिंग लगवाई जाएं। रेडियो पर जिंगल्स, टीवी पर आडियो-विजुअल क्लिप व टीवी पर स्क्राल संदेश प्रसारित कराया जाए। ग्राम स्तरीय किसान पाठशालाओं में किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जाए।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर सहित कई अन्य उपस्थित थे। बैठक में गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, शामली, बागपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बाराबंकी, रामपुर, एटा, इटावा, संभल व बरेली के मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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