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आमजन की मदद के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब तक नंबर एक सीएम



भारतीय जनता पार्टी की सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन और अंत्योदय के सिद्धांत पर चलने का दावा करती है। इस सिद्धांत का आधार है समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार और निरंतर उसकी प्रगति।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गरीबों की मदद करने के मामले में अब तक के नंबर एक सीएम बन गए हैं। सीएम योगी ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के तहत पिछली सरकारों से कई गुना ज्यादा गरीबों, मजलूमों और गंभीर रोगियों की मदद की है।


पुराने रिकार्डों को तोड़ते हुए चार साल में गरीबों, मजलूमों और गंभीर रोगियों को 10 अरब रुपये दिए हैं। इससे पहले सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में 42,508 लोगों को 552 करोड़ रुपये ही दिए गए थे। बसपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में यह मदद नाम मात्र ही लोगों को मिले। उस वक्त 18,462 लोगों को 84 करोड़ रुपये दिए गए।


उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा ऐसे लोगों की मदद की है, जिन्होंने पैसे के अभाव में अपनों के जीवन की आस छोड़ दी थी। सीएम योगी की मदद से ऐसे हजारों लोगों की न सिर्फ जान बची है, बल्कि उनके परिवारों के जमीन और जायदाद भी बिकने से बचे हैं।


सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 13 हजार 224 लोगों को एक अरब 84 करोड़ 42 लाख 88 हजार 750 रुपये, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 17 हजार 772 लोगों को दो अरब 56 करोड़ 34 लाख 61 हजार 400 रुपये, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 हजार 14 लोगों को दो अरब 80 करोड़ 23 लाख 56 हजार 695 रुपये और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15,343 लोगों को दो अरब 75 करोड़ 71 लाख 75 हजार 36 रुपये दिए गए हैं। ऐसे में कुल चार वर्षों में 64,357 लोगों को 996 करोड़ रुपए दिए गए हैं।


दवा इलाज के लिए बड़ी मदद


मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के मुताबिक मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार जरूरतमंद और गरीब पात्रों की मदद की जा रही है। इसमें किडनी प्रत्यारोपण, कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों में धनराशि तय समय में दी जाती है। सीएम योगी ने सबसे ज्यादा 25,425 कैंसर रोगियों को तीन अरब 94 करोड़ 22 लाख 24 हजार 711 रुपये, अन्य प्रकार के इलाज के लिए 21,755 रोगियों को तीन अरब पांच करोड़ 13 लाख नौ हजार 350 रुपये, किडनी के इलाज के लिए 9427 लोगों को एक अरब 80 करोड़ 65 लाख 82 हजार 475 रुपये और हृदय रोग के इलाज के लिए 7019 लोगों को 68 करोड़ 35 लाख 69 हजार 400 रुपये दिए हैं।


टीम स्टेट टुडे


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