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कोरोना से डरे यूपी के चिकित्सा महानिदेशक ने मोबाइल छीना, चिकित्सा शिक्षामंत्री ने वापस किया


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उत्तर प्रदेश सरकार ने फजीहत के बाद उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें कोविड 19 के लेवल थ्री और लेवल 4 के अस्पतालों में भर्ती मरीजों द्वारा मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। यानी अब सरकार के वो अधिकारी रायता फैलाने के बाद समझ गए हैं कि मोबाइल से कोरोना नहीं फैलता। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने मोबाइल के इस्तेमाल पर पाबंदी के आदेश को वापस लेने का ऐलान किया।


सरकार में बैठे अधिकारी रोज नए नए लेटर जारी कर रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। अब महानिदेशक चिकित्सा का एक लेटर सामने आया है जिसमें उन्होंने कोरोना मरीजों को मोबाइल फोन इस्तेमाल ना करने के निर्देश दिए थे और कहा था कि इससे कोरोना का संक्रमण फैलता है। इसके बाद विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि अगर कोरोना का संक्रमण मोबाइल से फैल रहा है तो तत्काल देश में मोबाइल पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि अस्पतालों का सच सामने ना आए इसलिए ऐसा फरमान जारी किया गया है ।


वैसे उत्तर प्रदेश की नौकरशाही कई बार सरकारों की जान सांसत में डाल चुकी है। 2012 में अखिलेश सरकार बनने के बाद ऐसे ही प्रशासनिक अधिकारियों ने फरमान निकाला था कि बिजली बचाने के लिए बाजार शाम 7 बजे बंद कर दिए जाए। सरकार की छीछालेदर होने के बाद ये आदेश भी वापस ले लिया गया था।


टीम स्टेट टुडे

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