google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

पश्चिमी से लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकेगी BJP, हारी 12 सीटों पर खास फोकस


मुरादाबाद, 20 फरवरी 2023 : वर्ष 2024 में राज्य की सभी 80 संसदीय सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। पहले चरण में उन 12 सीटों पर नजर रहेगी, जो अभी विरोधी पार्टियों के कब्जे में हैं। इस कड़ी में 28 फरवरी को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सहारनपुर और गजरौला (अमरोहा) में जनसभाओं की संभावना है। इसके अलावा वह पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक कर अब तक की तैयारियों को परखेंगे और चुनाव जीतने के लिए जरूरी टिप्स देंगे। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की विरोधी पार्टियों के कब्जे वाली चार सीटों पर गृहमंत्री अमित शाह का भी दौरा होने की संभावना है।

इस साल नौ राज्यों में चुनावी परीक्षा से गुजरेगी भाजपा

भाजपा को इस साल नौ राज्यों की चुनावी परीक्षा से गुजरना है। इस बीच पार्टी उत्तर प्रदेश में संसदीय चुनाव की तैयारियां भी जारी रखना चाहती है। 2019 में राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर पार्टी को पराजय मिली थी। इनमें से उपचुनाव में आजमगढ़ व रामपुर सीट पर जीत हासिल कर ली। अब 12 सीटों पर भाजपा ने बूथ स्तर तक होमवर्क किया है। प्रत्येक सीट का जिम्मा एक-एक केंद्रीय मंत्री को सौंपा गया है। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों का जिम्मा एक-एक एमएलसी के पास है। प्रदेश के मंत्री भी इन क्षेत्रों में लगाए गए। उन्होंने 100-100 बूथों की जमीनी हकीकत परखकर हार का कारण समझा है। इसकी रिपोर्ट भी पार्टी नेतृत्व को पूर्व में ही भेज दी गई है।

28 फरवरी को दो जनसभाओं का कार्यक्रम

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, नगीना और बिजनौर सीटें फिलहाल भाजपा के पास नहीं हैं, इनमें से दो लोकसभा सीटों पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जनसभा करेंगे, जबकि अन्य सीटों पर तैयारियों को गृहमंत्री परखेंगे। 28 फरवरी को दो जनसभाओं का कार्यक्रम पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है। वहां से भी जल्द अनुमति मिलने की संभावना है। जनसभाओं के साथ पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक का भी कार्यक्रम है। बैठक में भाजपा के अलावा फ्रंटल संगठनों की पार्टी के कार्यक्रमों की रिपोर्ट देखी जाएगी। उन्हें चुनाव जीतने के टिप्स भी दिए जाएंगे। इंटरनेट मीडिया (सोशल मीडिया) को विशेष रूप से अलर्ट किया जाना है।

इसलिए पश्चिमी उप्र से शुरुआत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और मुस्लिम फैक्टर हावी रहे हैं। जाटों में अब तक सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह रहे हैं। उनकी विरासत बेटे स्व. चौधरी अजित सिंह को मिली थी, लेकिन वह जाटों को साथ नहीं रख सके। इसका परिणाम यह हुआ कि वह 2014 में पूरी जाटलैंड से उनका तंबू उखड़ गया। वह उस बागपत सीट से भी भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह के हाथों लोकसभा चुनाव हार गए थे, जिस पर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर के बावजूद चौधरी चरण सिंह की जीत हुई थी।

यह विरासत अजीत के बाद चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी के पास आई, परंतु जाटों का इस बीच बड़ा जुड़ाव भाजपा के साथ हो चुका था। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद को संजीवनी मिल गई। वह एक सीट से बढ़कर आठ सीट तक पहुंच गई। लिहाजा, भाजपा ने जाटों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर विशेष फोकस किया है।

मुरादाबाद के जाट नेता को प्रदेश की कमान

भाजपा ने मुरादाबाद के रहने वाले जाट नेता भूपेंद्र सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी है, जबकि प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह भी बिजनौर से हैं। मुस्लिमों बाहुल्य रामपुर शहर विधानसभा सीट और संसदीय सीट पर उपचुनाव में कब्जा कर मुस्लिम मतों को अपना बनाने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन मुस्लिम बाहुल्य संभल, अमरोहा व मुरादाबाद सीटें अभी भी चुनौती हैं। लिहाजा पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर विशेष फोकस कर रही है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहारनपुर व गजरौला से संसदीय चुनाव की तैयारियों के तहत जनसभाएं करेंगे। वह पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारी पर भी चर्चा करेंगे। सहारनपुर में 28 फरवरी को एक बजे से पहले और गजरौला में दो बजे के बाद जनसभा की संभावना है, इसकी तैयारी चल रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से स्वीकृति मिलना बाकी है। - हरिओम शर्मा, क्षेत्रीय महामंत्री, भाजपा

Kommentare

Kommentare konnten nicht geladen werden
Es gab ein technisches Problem. Verbinde dich erneut oder aktualisiere die Seite.
bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0