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शुरु हो गया नई गाइडलाइंस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का नाटक – आईटी मंत्रालय ने फिर चेताया



सोशल मीडिया के नाम पर देश के भीतर साजिश का ठिकाना बनते जा रहे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स भारत सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं। सरकार ने किसी संदेश का ओरिजिन यानी पहला व्यक्ति यानी फर्स्ट सोर्स बताने को कहा तो व्हाट्सएप जैसी निजी कंपनी सरकार के खिलाफ अदालत चली गई और इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताने लगी। जाहिर है ये निजी कंपनियां बिना किसी वरदहस्त के तो ऐसा कर नहीं रही होंगी।


दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने कहा है भारत सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है। मंत्रालय ने कहा कि व्हाट्सएप से किसी संदेश का ओरिजिन बताने के लिए कहा जाता है तो इसका अर्थ निजता के अधिकार का उल्लंघन करना नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसी जरूरतें केवल उन मामलों में पड़ती है जब किसी विशेष संदेश के प्रसार पर रोक लगानी होती है, जांच करनी होती है या स्पष्ट यौन सामग्री जैसे गंभीर अपराधों में सजा देनी होती है।


आईटी मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक ओर व्हाट्सएप अपनी एक अलग निजता नीति को लागू करने की मांग कर रहा है। जहां वह अपने सभी उपयोगकर्ताओं का डाटा अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा करेगा। वहीं दूसरी ओर व्हाट्सएप कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक मध्यस्थ दिशा-निर्देशों को लागू करने से इनकार करने का हर संभव प्रयास करता है।



मंत्रालय ने कहा कि भारत में हो रहे सभी काम यहां के कानूनों के अनुसार होने चाहिए। व्हाट्सएप की ओर से दिशा-निर्देशों का पालन करने से इनकार करना, उस उपाय की स्पष्ट अवहेलना है जिसके इरादे पर निश्चित रूप से संदेह नहीं किया जा सकता है।


स्टेट टुडे पहले ही आपको जानकारी दे चुका है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर माहौल बनाकर आम लोगों को कब देश और सरकार के खिलाफ कर दिया गया इसका अहसास तक भारत के लोगों को नहीं हो रहा है। हकीकत ये है कि आम लोगों के हाथ में सोशल मीडिया का हथियार और दिमाग में भारत और सरकार के खिलाफ बारुद भर कर भारत के लोगों से ही भारत और सरकार के खिलाफ साजिश की जा रही है जिससे जनता खुद अंजान है। जनता को लग रहा है कि वो जो सोशल मीडिया पर लिख रही है वही सच है और सरकार आम आदमी की विरोधी हो गई है। पूरा खेल अर्थतंत्र, सत्तातंत्र और विदेश में बैठे आकाओं के इशारे पर चल रहा है। जिसे सरकार समझ तो रही है , कानून बनाकर रोकना भी चाह रही है लेकिन आम आदमी को इस पूरी साजिश का सिजरा समझा नहीं पा रही।


टीम स्टेट टुडे


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