नई दिल्ली, 31 जुलाई 2023 : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के एएसआइ सर्वे के खिलाफ दाखिल याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है। निर्णय तीन अगस्त को सुनाया जाएगा। तब तक सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट से लगी रोक बनी रहेगी।
ज्ञानवापी प्रकरण में सियासी दिग्गजों में वार-पलटवार का दौर तेज हो गया है। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत करते हुए कहा- "मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो देखे ना। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे न। ज्योतिर्लिंग हैं देव प्रतिमायें हैं। पूरी दीवारें चिल्ला चिल्ला के क्या कह रही हैं।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि मुझे लगता है ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है। उसके लिए हम चाहते हैं समाधान हो।"
ज्ञानवापी प्रकरण पर बोले भाजपा सांसद
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा- "कुछ लोग 1991 में बने कानून का सहारा लेकर विवादित धार्मिक स्थलों का सच सामने नहीं लाने देना चाहते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि जनता की मांग पर वर्तमान सरकार ऐसे कानून में संशोधन करके उसे बदल भी सकती है।"
उन्होंने आगे कहा कि देश के लोगों के साथ सरकार भी ज्ञानवापी का सच जानना चाहती है। यह तभी होगा जब विश्वसनीय एजेंसी के जरिए वहां सर्वे किया जाएगा।
ओवैसी का सीएम योगी पर पलटवार
एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- "मुख्यमंत्री जानते हैं कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ASI की रिपोर्ट पर निर्णय देने वाला है इसलिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया। जिस जगह पर 400 साल से मस्जिद है आप उसे दबाना चाहते हैं। यह इनका सांप्रदायिकता की राजनीति है और उनका इस मामले में न्यायिक अतिरेक है।"
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