लखनऊ, 9 मई 2022 : धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरहटाने का मुद्दाकई राज्यों मेंपहुंच चुका है।यूपी भी इससेअछूता नहीं रहाहै, पर यहांजिस तरह योगीआदित्यनाथ सरकार ने इसेहैंडल किया उसकीतारीफ हर जगहहो रही है।अभी तक यहांमंदिर व मस्जिदोंने लाउडस्पीकर हटानेका कोई विरोधनहीं हुआ है।
संवाद स्थापित करसौहार्दपूर्ण माहौल में उत्तरप्रदेश में एकलाख से अधिकमंदिर और मस्जिदोंने लाउडस्पीकर हटायेगए, इसके लिएउत्तर प्रदेश केपूर्व राज्यपाल रामनाईक में मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ काविशेष रूप सेअभिनंदन किया हैं।
योगी आदित्यनाथके मुख्यमंत्री पदकी दूसरी पारीशुरू होने केबाद सोमवार कोसीएम आवास परराम नाईक कोमुख्यमंत्री ने आमंत्रितकिया था। नयीपारी के दौरानशुरू किए विभिन्नविकास कार्यों कीसीएम योगी नेउनको संक्षिप्त मेंजानकारी भी दी।उन्होंने बताया कि एकलाख से भीअधिक लाउडस्पीकर बातचीतकर सौहार्द सेमंदिर और मस्जिदोंसे हटाए गए।यह सुनकर रामनाईक विशेष प्रसन्नहुए और उन्होंनेइस बार परमुख्यमंत्री को बधाईदी।
पत्रकार व अवधनामाके संपादक वकाररिजवी पहली पुण्यतिथिके अवसर परउनकी किताब ‘मेरानजरिया, मेरी बात’का विमोचन करनेके लिए उत्तरप्रदेश के पूर्वराज्यपाल राम नाईकलखनऊ आये थे।उर्दू के वरिष्ठपत्रकार वकार रिजवीकी कल्पना सेही राम नाईककी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के सभीसंस्करणों पर आधारितउर्दू साहित्यकार, समिक्षकोंके लेखों केसंग्रह के साथ ‘कर्मयोद्धा राम नाईक’पुस्तक की मूलसंकल्पना वकार रिजवीकी ही थी।
पुस्तक लगभग तैयारहुई और पिछलेवर्ष 10 मई कोवकार रिजवी दुर्भाग्यसे करोना संक्रमणके कारण गुजरगए। उसके बादयह पुस्तक हालही में उन्हेंसमर्पित कर प्रकाशितहुई थी। पुरोगामिनजरिये के वकाररिजवी अपनी कलमके माध्यम सेदेश की एकताऔर भाईचारा निरंतरबढ़े इसलिए हमेशाकार्यरत रहे।
उर्दू को बढ़ावादेने के साथ-साथ संपूर्णशिक्षा का भीवो आग्रह रखतेथे। उनके इनविचारों को प्रकटकरने वाले चंदसंपादकीयों का यहसंग्रह राम नाईकके हाथों विमोचितहुआ। साथ हीअवधनामा फाउंडेशन की तरफसे उनके हाथोंदो विद्यार्थियों कोविशेष शिष्यवृत्ति भीप्रदान की गई।
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