नई दिल्ली, 27 फरवरी 2023 : राजनीति का चरित्र समझ पाना आम आदमी की समझ की परिधि से बाहर होता है। खादीधारक जनता के सामने भले ही एक दूसरे पर मर्यादाओं को लांघते हुए बयान जारी कर दें लेकिन आम जीवन में उनके ताल्लुकात बेहद जुदा होते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा रविवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल में देखने को मिला। प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को लेकर शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के बीच गरमागरम बहस हुई थी।
दोनों ने एक दूसरे को सवालों के घेरे में खड़ा किया था, तीखी आलोचनाओं और कड़वे शब्दों का इस्तेमाल किया था लेकिन जब रविवार को दोनों का एक दूसरे से सामना हुआ तो ठहाकों से एक दूसरे का सत्कार किया। मानों कुछ नमकीन बिस्किट, कुछ मीठे पकवान और सत्कार में घुली मिठास से एक दिन पहले सदन में सर्वहारा की चिंता में भिड़े नेताओं के मन की कड़वाहट गर्मजोश मुस्कुराहटों में पिघल गई।
रविवार दोपहर मिलेट्स भोज में आमंत्रित अखिलेश यादव, शिवपाल यादव व लालजी वर्मा जब मुख्यमंत्री योगी, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह से मिले तो न ’शर्म’ की नसीहतें थीं और न क्रिकेट के छक्कों का जिक्र। जुबां पर कुछ था तो मिलेट्स का स्वाद और होंठों पर मधुर मुस्कान....
सिसायतदानों की यह अजीब तस्वीर सोशल मीडिया पर दिन भर चर्चाओं का सबब बनी रही, लोगों ने हैरानी जताई कि कैसे एक दिन पहले दोनों दिग्गज नेता एक दूसरे पर हमलावर थे लेकिन अगले ही दिन दोनों के चेहरों पर न ही गिला दिखा और न ही शिकवा।
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