-सीएम योगी के विजन अनुसार अयोध्या में जारी 30977 करोड़ रुपए की कुल लागत के 141 प्रोजेक्ट्स की उचित मॉनिटरिंग के फ्रेमवर्क को सुनिश्चित करने पर जोर
-ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) युक्त डाटा सेंटर की स्थापना व संचालन की प्रक्रिया शुरू, अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने शुरू की तैयारी
-सीएम योगी के विजन अनुसार वर्ल्ड क्लास जीआईएस डाटा सेंटर की स्थापना व संचालन के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर्स के विकास की प्रक्रिया हुई शुरू
-अयोध्या में जारी डेवलपमेंटल प्रोजेक्ट्स तथा इन पर कार्य कर रहीं 37 से ज्यादा एजेंसियों समेत तमाम तथ्यों की मॉनिटरिंग इकोसिस्टम के विकास का मार्ग होगा प्रशस्त
सीएम योगी के साथ पूरी कैबिनेट 11 फरवरी को रामलला के करेगी दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी कैबिनेट 11 फरवरी को रामलला के दर्शन करेगी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना समेत विभिन्न दलों के विधायक भी मौजूद रहेंगे। पूर्व में सीएम योगी ने एक फरवरी को कैबिनेट के साथ दर्शन करने की घोषणा की थी। हालांकि अयोध्या में रोजाना दर्शन के लिए देश भर से उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था। अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्त ने बताया कि अब कैबिनेट और विधानसभा के ज्यादातर सदस्य 11 को दर्शन करने के लिए आएंगे। दर्शन के बाद सभी विशिष्टजनों को अयोध्या में भोज भी दिया जाएगा।
'स्टेट ऑफ द आर्ट सेंट्रलाइज्ड जीआईएस डाटा सेंटर' से लैस होगी रामनगरी अयोध्या
उत्तर प्रदेश को विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार सप्तपुरियों में पहली पुरी के तौर पर विख्यात अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने के साथ ही उसके आधुनिक कायाकल्प के लिए भी कृत संकल्पित है। सीएम योगी के विजन अनुसार अयोध्या के इसी वैभव की पुनर्स्थापना के लिए वर्तमान में 30977 करोड़ रुपए की कुल लागत के 141 प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। ऐसे में, इन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहीं 37 से ज्यादा एजेंसियों की कार्यप्रणाली निर्धारण, प्रोजेक्ट्स की प्रगति के आंकलन समेत सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के संकलन, संयोजन और जियो इकोसिस्टम के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, रामनगरी अयोध्या में 'स्टेट ऑफ द आर्ट सेंट्रलाइज्ड जीआईएस डाटा सेंटर' को स्थापित किया जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा सीएम योगी की मंशा अनुरूप ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) युक्त वर्ल्ड क्लास जीआईएस डाटा सेंटर की स्थापना व संचालन के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर्स के विकास की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है।
कई मायनों में खास होगा सेंट्रलाइज्ड जीआईएस डाटा सेंटर
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा जिस प्रक्रिया की शुरुआत की गई है उसके अनुसार एक एजेंसी को चयनित कर उसे सेंट्रलाइज्ड जीआईएस डाटा सेंटर की स्थापना का कार्य सौंपा जाएगा। विकास के साथ ही कार्य प्राप्त करने वाली एजेंसी को 5 वर्षों के ऑपरेशन व मैनेजमेंट का भी कार्यभार सौंपा जाएगा जिसे प्रदर्शन के आधार पर आगे भी बढ़ाया जा सकेगा। वह एडीए में उपलब्ध बुनियादी ढांचे (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) का एनालिसिस कर उसे जीआईएस सॉल्यूशन से लैस करने पर फोकस करेगा। इस प्रक्रिया से जीआईएस डाटा सेंटर व लैब का गठन होगा जिससे अयोध्या में 30977 करोड़ रुपए की कुल लागत के 141 प्रोजेक्ट्स, इन सभी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही एजेंसियों की मॉनिटरिंग व मास्टरप्लान एग्जीक्यूशन का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि किस परियोजना में किस प्रगति से कार्य हो रहा है और कार्यों में विलंब की स्थिति में अवरोध निस्तारण की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा। परियोजना का विवरण, उसकी कार्य प्रगति, लागत समेत सारे तथ्यों के संकलन जैसे कार्य इस डाटा सेंटर की स्थापना से आसानी से हो सकेंगे तथा इससे एडीए को भी सभी परियोजनाओं को निर्धारित समायावधि में पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
प्रेजेंटेशन समेत सभी निर्धारण प्रक्रियाओं को स्मार्ट तरीके से किया जा सकेगा पूरा
अयोध्या में जारी विकासकार्यों के निरीक्षण को लेकर डबल इंजन की सरकार का विशेष फोकस है। एक ओर, पीएम नरेंद्र मोदी खुद अयोध्या आकर यहां विकास की तमाम परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करते हैं तो वहीं दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ भी इन परियोजनाओं के हर एक पहलुओं पर बारीक नजर रखते हैं। ऐसे में, विकास की परियोजनाओं के सभी फैक्टर्स का स्मार्ट तरीके से संकलन कर उसे राज्य, केंद्र समेत वैश्विक पटल पर भी अगर रखने की जरूरत हुई तो डाटा सेंटर इस कार्य में बेहद सहायक सिद्ध होगा। डाटा सेंटर द्वारा बनाई गई प्रेजेंटेशंस व एमआईएस रिपोर्ट्स सभी प्रोजेक्ट्स की वस्तुस्थिति का रियलटाइम एनालिसिस प्रोवाइड करने में सक्षम होंगे। इससे विभागीय निरीक्षण समेत अन्य निर्धारण प्रक्रियाओं को भी बल मिलेगा और स्मार्ट टैब्स व अन्य गैजेट्स् के जरिए एडीए के सभी वरिष्ठ अधिकारी डाटा सेंटर द्वारा विकसित फ्रेमवर्क से कनेक्टेड रहकर रेगुलर इंस्पेक्शन की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकेंगे।
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