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कृतज्ञता के भाव से मिलती है आगे बढ़ने की प्रेरणा-cm


लखनऊ, 10 दिसंबर 2023 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षा प्राप्त करना केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं है। पुस्तकीय ज्ञान से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त की जा सकती है पर जीवन में विजेता बनने के लिए शिक्षित होने के साथ ज्ञानवान होना महत्वपूर्ण है। ज्ञान, शिक्षण संस्थानों में संवाद के वातावरण और अनुभव से अर्जित होता है।

मुख्यमंत्री रविवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण व मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता हासिल करने के लिए परिश्रम और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं होता है।

उद्देश्य के अनुरूप प्रतिबद्ध होकर समय सीमा में कार्य करते हुए आगे बढ़ने पर लक्ष्य प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना, वसुधा का नेता कौन हुआ, भूखण्ड-विजेता कौन हुआ,अतुलित यश क्रेता कौन हुआ, नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ, जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया का उद्धरण देकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखते हुए परिश्रम करेंगे तो सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।

गरीबी दूर करने की चेतना लाने का माध्यम है शिक्षा : हरिवंश नारायण

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने कहा कि शिक्षा, गरीबी दूर करने की चेतना लाने का एकमात्र माध्यम है। किसी बड़े घराने में पैदा होना भाग्य पर निर्भर है लेकिन शिक्षा से एक व्यक्ति बड़े घरानों से भी आगे अपना यश लिख सकता है। शिक्षा ने भाग्य आधारित समृद्धि के पुराने रास्ते की अवधारणा को बदल दिया है। शिक्षा के इसी महत्व के कारण 91 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी ने शिक्षा को समग्र विकास के माध्यम के रूप में चुना और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की।

मुख्य वक्ता सतीश महाना ने कहा कि किसी के भी जीवन की पहचान व्यक्ति के संस्कार, मेधा और व्यक्तित्व से होती है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्कार, सेवा, समर्पण पूरे विश्व में आदर्श रूप में स्थापित हैं। पहले लड़कों को नौकरी के लिए और लड़कियों को अच्छी शादी के लिए शिक्षित किया जाता था। अब शिक्षा को लेकर धारणा बदली है। सुख-शांति जीवन में सबसे जरूरी है।

 

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