
लखनऊ, 1 अगस्त 2022 : राजस्व लेखपाल मुख्य परीक्षा में साल्वर पकड़े जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा को निशाने पर लिया तो उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उन पर करारा पलटवार कर दिया। वह बोले कि सपा सरकार में हर पद की बोली लगती थी। एक-एक भर्ती में वर्षों लग जाते थे, तब भी परिणाम नहीं आ पाता था। पूरा कुनबा परीक्षा के पहले ही नौकरियों का सौदा कर लेता था। सपा सरकार का शगल युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बन गया था।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सपा मुखिया के मुंह से भर्ती, परीक्षा और परिणाम की बात अच्छी नहीं लगती। युवाओं के सपने को रौंदने वालों को आज युवाओं की याद आ रही है, जिन्होंने सरकार रहते कभी युवाओं के भविष्य के बारे में नहीं सोचा। सपा सरकार में पहले तो सरकारी नौकरी के लिए भर्ती निकलती नहीं थी। युवाओं के दबाव में अगर कोई भर्ती निकल भी गई तो उसके लिए युवाओं को वर्षों इंतजार करना पड़ता था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हर भर्ती पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता और शुचिता के साथ पूरी हुई है। एक भी भर्ती में किसी अभ्यर्थी ने भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगाए हैं। यह साबित करता है कि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर अतिसंवेदनशील है। राजस्व लेखपाल मुख्य परीक्षा को लेकर एसटीएफ पहले से सक्रिय थी, जिसका नतीजा है कि 21 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पाठक ने तंज कसा कि जिनके घर शीशों के हों, उन्हें दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। नकल माफिया सपा सरकार की देन हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार दोपहर में अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- 'आज लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया। अब तो लगता है कि अभ्यर्थियों का ये आराेप सच है कि यह सब भाजपा सरकार की ही चाल है, जिससे कोई भी परीक्षा पूरी न हो जाए और लोगों को नौकरी न मिले। युवा, पूंजीपतियों के यहां श्रमिक-चपरासी बन के रह जाएं। भाजपा वेतन-पेंशन के खिलाफ है।'
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