अमन का शहर आंतकियों का अड्डा बन चुका है। कभी तहजीब के शहर की पहचान रखने वाला लखनऊ अब आतंकियों का फेवरेट स्पॉट बन चुका है।
राजधानी लखनऊ से यूपी एटीएस ने आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े दो खतरनाक आतंकियों को गिरफ्तार किया। लखनऊ समेत कई शहरों को दहलाने की साजिश नाकाम कर दी। हथियार, कुकर बम, टाइम बम, पिस्टल और काफी विस्फोटक बरामद किया गया। 15 अगस्त के आस पास इनके इरादे अंजाम तक पहुंचने थे। सिर्फ इतना ही नहीं ये आतंकी मानव बम के रुप में बड़ी तबाही भी मचाने की तैयारी में लगे थे।
आतंकियों से हो रही पूछताछ और अन्य सूत्रों से जो जानकारियां बाहर आ रहीं है वो बेहद हैरान करने वाली हैं।
आतंकी मिनहाज की पत्नी और उसकी कार के बारे में भी कई तरह की संदिग्ध बातें सामने आई हैं।
जानकारी के मुताबिक मिनहाज की पत्नी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तैनात है। मिनहाज के घर से बरामद एक गाड़ी में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का वाहन पास भी लगा है। एटीएस ने रविवार देर शाम को मिनहाज के पिता सिराज, उसकी मां और पत्नी को हिरासत में लिया था। मिनहाज के घर के पास पंक्चर बनाने वाले दानिश ने बताया कि वह काफी वक्त से इलाके में दुकान लगा रहा है। उसने बताया कि मिनहाज के घर से बरामद एसयूवी को किसी ने गैराज से बाहर निकलते नहीं देखा। मिनहाज का पड़ोसी शाहिद रात को कभी-कभार एसयूवी निकालता था। दानिश के मुताबिक, शाहिद अक्सर पुराने टायर की मांग करता था। कई बार गाड़ी गैराज में नहीं होने पर उसने पूछा तो शाहिद टाल देता था।
छह महीनों में बदलते थे गाड़ियों के टायर
दानिश के मुताबिक, शाहिद और मिनहाज गैराज में खड़ी गाड़ी का टायर छह महीने में बदल लेते थे। इस पर उसे संदेह होता था। दानिश के मुताबिक, शाहिद ने मड़ियांव इलाके से पुराने तीन टायर खरीदे थे। एक टायर कम होने के कारण उससे संपर्क किया। उससे एक टायर लिया। लेकिन वह उसकी एसयूवी में नहीं लग सका। इसके बाद लौटाने आए तो दानिश ने मना कर दिया, कहा कि गैराज में ही रहने दीजिये जब जरूरत होगी तो मांग लिया जाएगा।
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के घर पर अफगानिस्तान व पाकिस्तान सहित ईरान के लोगों का आनाजाना था। इसमें कई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। यही विदेशी संदिग्ध लोगों के जरिए ही आतंक का कारोबार उत्तर प्रदेश में फैलाना चाहते थे। इसके लिए भारी मात्रा में विस्फोटक भी उपलब्ध कराया गया था।
कुछ दिन पहले तीन-चार संदिग्ध पाकिस्तानी काकोरी आए थे। उन्होंने पूरी साजिश रची थी। इसके बाद उसी एसयूवी से कश्मीर गए थे जो शाहिद के गैराज से एटीएस ने बरामद की है। इसके बाद से जम्मू कश्मीर व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी एसयूवी के नंबर को एटीएस से साझा किया था। इसके बाद ही दोनों आतंकियों को पकड़ लिया गया।
सिर्फ इतना ही नहीं है जानकारी मिल रही है कि लखनऊ की इंट्रीगल यूनिवर्सिटी के तार भी आतंकियों से जुड़े हैं। पकड़े गए मिहनाज की पत्नी तो सिर्फ मोहरा है सफेदपोशी दिखाने के लिए। जानकारी मिल रही है कि इंट्रीगल यूनिवर्सिटी को चलाने वालों की गतिविधियां भी संदिग्ध हैं। इस यूनिवर्सिटी में काफी विदेशी धन खपाया गया है।
जानकार बता रहे हैं कि इस यूनिवर्सिटी के नियम कायदों पर भी काफी इस्लामी प्रभाव है। शुक्रवार को छुट्टी से लेकर कई और ऐसे कार्यक्रम हैं जिन पर पहले भी संदेह होता रहा है। इस यूनिवर्सिटी को चलाने वाले भी खास समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस यूनिवर्सिटी को बेहद करीब से जानने वालों का कहना है कि इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी में ना सिर्फ इस्लामी कट्टरता को तवज्जो दी जाती है बल्कि कई छात्रों ने आजिज आकर दूसरी जगह दाखिला लेने में ही भलाई समझी है।
टीम स्टेट टुडे
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