प्रयागराज, 23 मार्च 2023 : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मिलावटी प्लेटलेट से मरीज की मौत मामले में कपट, षड्यंत्र व धोखाधड़ी के आरोपित असरावल रोड साहा पीपलगांव स्थित ग्लोबल हास्पिटल के मकान मालिक बच्चूलाल साहू को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने महत्वपूर्ण भी टिप्पणी की। कहा , मरीज के लिए अस्पताल मंदिर जैसा है और डाक्टर भगवान जैसे किंतु डाक्टर मरीज को धन कमाने का जरिया समझने लगे हैं, वे ली गई शपथ के खिलाफ काम कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि घटना के समय डेंगू फैला हुआ था। प्लेटलेट मिलना कठिन था, इसकी ब्लैक मार्केटिंग की जा रही थी। याची इसमें लिप्त हुआ। मरीज के भरोसे का गलत इस्तेमाल कर मिलावटी प्लेटलेट देने में शामिल हुआ। यह जानते हुए कि मिलावटी प्लेटलेट से मरीज की मौत हो सकती है। यह व्यक्ति नहीं आम लोगों के विरुद्ध अपराध है, इसमें याची के लिप्त होने के आरोप है। इसलिए उसे जमानत पाने का अधिकार नहीं है।
ग्लोबल हास्पिटल में भर्ती मरीज की डाक्टरों व स्टाफ की लापरवाही से मौत हो गई। डेंगू पीड़ित मरीज को मिलावटी प्लेटलेट्स दी गई थी। याची का कहना था कि उसका अस्पताल से कोई सरोकार नहीं है। न वह अस्पताल का मालिक है न ही स्टाफ। वह अस्पताल में शेयर होल्डर भी नहीं है। उसने अस्पताल को 10 साल के लिए अपना मकान किराये पर दिया है। घटना में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
शिकायतकर्ता की मानवीय आधार पर मदद करने की कोशिश में उसे फंसाया गया है। उसके बेटे के नाम प्लेटलेट के एवज में 25हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे। न उसने पैसा लिया और न ही प्लेटलेट दी। सरकारी अधिवक्ता ने अर्जी का यह कहते हुए प्रतिवाद किया कि याची चल रहे रैकेट का हिस्सा है। उसने फोन पे से पैसा लेकर प्लेटलेट बेचा है। याची पर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है।
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