Ayodhya - कैसे बनी, कब बनी, किसने बनाया ? क्या आप जानते हैं?
- statetodaytv
- Jun 5
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अयोध्या अपने पुरातन गौरव को पुनः प्राप्त कर रही है। प्रभु श्रीराम जो स्वयं नारायण के अवतार ही हैं और उनके उपरांत क्या कुछ हुआ यह सर्वविदित है लेकिन अयोध्या प्रभु राम के पहले से विद्यमान थी थोड़ा उसकी खोजबीन कर लेते हैं।
मेरा ज्ञान अल्प हैं परंतु थोड़ा बहुत रिसर्च कर के जो पता लगता है उसे साझा कर रहा हूँ। अयोध्या की रचना कैसे हुई इसे लेकर कई उल्लेख किये जाते हैं।
1. ब्रह्माजी द्वारा अयोध्या की रचना। अयोध्या को साक्षात भगवान ब्रह्मा ने स्वयं धर्म की स्थापना हेतु रचा। इसे उन्होंने सप्तपुरी (सात मोक्षदायिनी नगरियों) में प्रथम स्थान दिया।
इसे स्वर्ग के अमरावती की भांति दिव्य नगरी कहा गया।
2. मनु द्वारा अयोध्या की स्थापना
स्वायंभुव मनु (मानव जाति के आदिपुरुष) ने सरयू नदी के तट पर इस नगर को बसाया।वे सूर्य वंश के प्रथम राजा भी थे।
3. विष्णु का निवास स्थान (विष्णु पुराण और गरुड़ पुराण)
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अयोध्या भगवान विष्णु की नाभि में स्थित है। यह भगवान राम के रूप में अवतरित श्रीहरि विष्णु का विशेष धाम है।
इसलिए इसे मोक्षदायिनी नगरी कहा गया है।

अब जानते हैं कि राम के पूर्व अयोध्या के कौन कौन से राजा हुए।
1. इक्ष्वाकु – अयोध्या के राजा थे। मनु ने अयोध्या की स्थापना की थी। उनके पुत्र इक्ष्वाकु को ही पहला शासक माना जाता है।
इक्ष्वाकु वंश का उद्गम अयोध्या से ही हुआ।
2. सगर – अयोध्या के सम्राट
सगर इक्ष्वाकु वंश में कई पीढ़ियों बाद हुए।उन्होंने सगरमंथन, अश्वमेध यज्ञ, और पृथ्वी पर शासन का विस्तार किया।
उनके समय में अयोध्या एक महासम्राट की राजधानी थी।
3. भगीरथ – गंगावतार के नायक।
सगर के प्रपौत्र थे।अयोध्या के राजा होते हुए उन्होंने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए कठोर तप किया।
गंगाजी को अयोध्या में ही पूर्वजों के उद्धार हेतु लाया गया।
उन्होंने अयोध्या से हिमालय तक यात्रा की, परंतु राज्य संचालन अयोध्या से होता रहा।
(वाल्मीकि रामायण के बालकांड में यह सारे उल्लेख मिल जाएंगे.
अयोध्या से संबंध - विशिष्ट कार्य
इक्ष्वाकु - पहले राजा (मनु के उत्तराधिकारी) वंश की स्थापना
सगर महाराज - अश्वमेध यज्ञ, पृथ्वी विस्तार, 60,000 पुत्र
भगीरथ - राजा, गंगावतार के प्रेरक। गंगा का पृथ्वी पर आगमन।
भगीरथ के बाद अनेक राजा हुए इस क्रममे श्रुत, नाभाग से लेकर त्रिशंकु और हरिश्चंद्र भी आते हैं। ये सभी अयोध्या के राजा हुए।
रघुवंशम के अनुसार फिर महाराजा दिलीप, उनके पुत्र महाराजा रघु,उनके बाद महाराजा अज उनके पुत्र महाराजा दशरथ और फिर उनके बाद नारायण स्वयं आ गए और अयोध्या को धन्य किया।
लेखक विवेक तिवारी वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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