लखनऊ, 5 अप्रैल 2023 : अतीत में हुए नगरीय निकाय चुनावों में नगर निगमों में अपने दबदबे का प्रदर्शन कर चुकी भाजपा अब नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी अपना राजनीतिक रसूख कायम करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएगी।
नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में जीत की राह आसान करने के लिए भाजपा चुनाव मैदान में विरोधियों पर वार करने के लिए विकास के अस्त्र के साथ मोदी-योगी सरकारों की विकास व कल्याणकारी योजनाओं का तरकश लेकर जनता के बीच जाएगी।
वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा ने मेरठ और अलीगढ़ को छोड़ 16 में से 14 नगर निगमों में महापौर का चुनाव जीता था। वहीं 198 में से 70 नगर पालिका परिषदों और 438 में से 100 नगर पंचायतों के अध्यक्ष के चुनाव में उसे सफलता मिली थी। इससे साफ होता है कि नगर निगमों की तुलना में नगर पालिकाओं और कस्बा रूपी नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा की डगर मुश्किल भरी रही है। वहीं यह भी सच है कि हाल के वर्षों में लोक सभा और विधान सभा चुनावों के अलावा पंचायत चुनाव जीतकर भाजपा ने खुद पर लगे शहरों की पार्टी वाले लेबल को उतार फेंका है।
अब पार्टी आक्रामक तरीके से विकास के एजेंडे और केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों को लेकर निकाय चुनाव में उतरेगी। वह यह बताएगी कि प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य, स्वच्छ भारत मिशन व अमृत योजनाओं, आदर्श नगर योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना ने शहरों और कस्बों की तस्वीर बदली है।
भाजपा यह भी संदेश देगी कि बड़ी संख्या में गांवों को नगरीय निकायों में शामिल करने के पीछे मंशा विकास ही है। नवगठित और विस्तारित नगरीय निकायों के विकास के लिए योगी सरकार ने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना की पहल की है जिसे सरकार निकाय चुनाव में भुनाएगी। वहीं प्रदेश के 100 पिछड़े नगरीय निकायों को विकसित करने के लिए घोषित की गई आकांक्षी नगर योजना का भी भाजपा निकाय चुनाव में जिक्र करना नहीं भूलेगी। इनके अलावा कल्याणकारी योजनाएं भी भाजपा के तरकश में शामिल होंगी।
घर-घर पहुंचेगी भाजपा भाजपा
निकाय चुनाव में घर-घर तक अपनी पहुंच बनाने के लिए 11, 12 व 13 अप्रैल को विशेष संपर्क अभियान चलाएगी। यह अभियान सभी नगरीय निकायों में चलेगा। नए मतदाताओं के बीच पैठ बनाने के लिए भी पार्टी विशेष अभियान चलाएगी।
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