नई दिल्ली, 20 जुलाई 2022 : उबड-खाबड़ रास्ता हो, रेतीला मैदान हो या फिर पहाड़, दिन हो या रात किसी भी परिस्थिति में अपने काम को पूरा करने में समर्थ देश में निर्मित पहला एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लैस यूएटीवी (मानवरहित आल टरेन व्हीकल) भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। अगस्त में इसका परीक्षण पूर्वी लद्दाख के अलावा जम्मू-कश्मीर में एलओसी के साथ सटे कुछ हिस्सों में होगा। परीक्षण में खरा उतरने के बाद इसमें सेना की आवश्यक्तानुसार कुछ और सुधार किए जाएंगे और उसके साथ ही इसे सेना में शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया भी शुरु हो जाएगी।
संबंधित सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह वाहन अग्रिम इलाकों में स्थित सैन्य चौकियों तक आवश्यक साजो-सामान पहुंचाने और दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी में सक्षम है। यह बैटरी के सहारे छह घंटे और मोटर के सहारे 14 घंटे चलता है। यह अपने नियंत्रण कक्ष या नियंत्रक से करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक पूरी समर्थता के साथ काम करते हुए 500 किलो तक का भार भी ले जा सकता है। यह दिन-रात और किसी भी मौसम में र 360 डिग्री पर घूमने व फोटोग्राफी में सक्षम अत्याधुनिक कैमरे इस पर लगाए जा सकते हैं। नियंत्रण कक्ष में बैठा कोई भी व्यक्ति इनके जरिए पांच किलोमीटर दूर तक के इलाके की गतिविधियों की निगरानी कर सकता है। इसके अलावा इसमें किसी क्षेत्र विशेष की मैपिंग, पाथ प्लानिंग और किसी अवरोधक व रास्ते में किसी विस्फोटक का पता लगाने में समर्थ अत्याधुनिक सेंसर भी लगाए गए हैं।
शून्य से नीचे -20 डिग्री और शून्य से ऊपर 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में पूरी तरह से कारगर यह वाहन बारुदी सुरंगों, आइईडी का पता लगाने और उन्हें नकारा भी बना सकता है।उन्होंने बताया कि इस वाहन का थलसेना और आर्म्ड यूनिट अपने स्तर पर परीक्षण कर चुकी है। थलसेना ने इसके जरिए अपनी कुछ अग्रिम चौकियों पर रसद व हथियार पहुंचाए हैं। इसके अलावा इसका दुश्मन के ठिकानों की रेकी के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया है। संबंधित सैन्य सूत्रों ने बताया कि करीब पांच माह पहले भारत-जापान के बीच हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी इसके परखा जा चुका है।
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