यमुना सिटी में 6000 सस्ते प्लॉट्स की योजना प्रस्तावित, यीडा जल्द कर सकता है घोषणा
योजना के तहत केवल 7.77 लाख रुपए में जेवर एयरपोर्ट के पास मिल सकेगा अपना प्लॉट
सस्ते घर की प्रस्तावित योजना के अंतर्गत 30 वर्ग मीटर के प्लॉट लोगों को कराए जाएंगे उपलब्ध
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और फरीदाबाद से सीधे कनेक्ट होता है ये क्षेत्र
लखनऊ/नोएडा, 20 जून। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अपने मकान का सपना देखने वाले प्रदेश के लोगों के लिए यह हकीकत बन सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जल्द ही एक प्लॉट स्कीम लाने जा रहा है, जिसमें करीब 6 हजार प्लॉट्स को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि यीडा क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के चयन के बाद प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित विभिन्न संपत्तियों के आवंटन के लिए जन सामान्य ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की विगत आवासीय भूखंड योजना में लगभग 1.50 लाख से अधिक आवेदकों द्वारा भूखंड आवंटन के लिए आवेदन किया गया था। इसके बाद से ही प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आर्थिक रूप से दुर्बल एवं निम्न आय वर्ग के लिए छोटे आकार के भूखंडों का नियोजन और आवंटन किए जाने की आवश्यकता जताई जा रही है।
30 वर्ग मीटर का हो सकता है भूखंड
यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण तेजी से इस योजना की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर 16, 17, 18, 20 व 22डी में 60 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के लगभग 28900 भूखंडों का आवंटन किया गया है, जिसमें इनफॉर्मल सेक्टर के लिए चिह्नित भूमि पर 30 वर्ग मीटर के भूखंडों की योजना लाई जानी प्रस्तावित है। प्राधिकरण की ओर से कोशिश की जा रही है कि छोटे प्लॉट्स आम आदमी की पहुंच में हों। 30 वर्ग मीटर के एक भूखंड का कुल प्रीमियम वर्तमान आवंटन दर पर 25,900 रुपए प्रति वर्ग मीटर के अनुसार 7 लाख 77 हजार रुपए होगा। यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ के बीच स्थित है। यह फरीदाबाद से भी कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसलिए यह स्कीम बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यीडा क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मियों को मिलेगा आरक्षण
इस योजना में आरक्षण का भी प्राविधान किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सर्वाधिक 25 प्रतिशत आरक्षण उन वर्कर्स को दिया जाएगा जो यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 5 प्रतिशत आरक्षण यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत संस्थानों के कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 5 प्रतिशत एक्स सर्विस मैन को, 5 प्रतिशत वॉर विडो, 5 प्रतिशत एससी-एसटी को, 4 प्रतिशत दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। शेष 51 प्रतिशत जनरल आवेदकों को भूखंड आवंटित किया जाएगा।
योग्य आवेदक ही कर सकेंगे आवेदन
आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। एक व्यक्ति एक ही आवेदन कर सकेगा। किसी भी स्कीम में प्लॉट या फ्लैट पाने वालों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की आय तीन लाख रुपए से प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय प्रमाणपत्र भी आवेदन के साथ अटैच होना चाहिए। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा निवास प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। इसके साथ ही योजना के तहत सभी सफल आवेदकों और आवंटी 10 वर्ष तक आवंटित प्लॉट को ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त आवंटन के 60 दिनों के अंदर आवेदकों को रजिस्ट्रेशन फीस समेत टोटल प्रीमियम की 30 प्रतिशत राशि और जीएसटी (यदि देय हो तो) जमा करानी होगी। शेष 70 प्रतिशत राशि दस समान किस्तों में 10 प्रतिशत ब्याज पर चुकानी होगी।
माता विंध्यवासिनी देवी से जुड़ीं कथाओं को शोकेस करेगी योगी सरकार, आर्ट गैलरी बनेगी माध्यम
-मीरजापुर में 3.43 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा निर्माण, कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू
-यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा, माता विंध्यवासिनी तीर्थ क्षेत्र में ही होगा निर्माण
-वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 महीने में आर्ट गैलरी के निर्माण को किया जाएगा पूर्ण, कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू
लखनऊ/ मीरजापुर, 20 जून। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने श्री काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के कायाकल्प के बाद मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी देवी के धाम को भी नव्य-भव्य रूप देने की शुरुआत कर दी है। यहां आने वाले भक्तों को अब माता विंध्यवासिनी की लीलाओं से जुड़ी कथाओं और तीर्थ के माहत्म को दर्शाने वाली विभिन्न कलाकृतियों को आर्ट गैलरी के माध्यम से शोकेस किया जाएगा। आर्ट गैलरी के निर्माण ये यहां आने वाले पर्यटकों को आस्था, कला और संस्कृति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति हैं तथा विन्ध्याचल सदा से उनका निवास-स्थान रहा है। यही कारण है कि विंध्यगिरि को एक जागृत शक्तिपीठ माना जाता है और न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश-दुनिया से भक्त माता विंध्यवासिनी के चरणों में निरंतर शीश नवाने आते हैं।
पर्यटन विकास का माध्यम बनेगी आर्ट गैलरी
विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को गति दी जा रही है। इसी क्रम में, आर्ट गैलरी के निर्माण के जरिए विंध्य क्षेत्र के पर्यटन विकास की प्रक्रिया को और बल मिलेगा। गौरतलब है कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप मीरजापुर व विंध्य क्षेत्र के समेकित विकास का जो खाका खींचा गया था उसे क्रियान्वित करते हुए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही कारण है कि आर्ट गैलरी के निर्माण कार्य को गति देने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।
यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है जिम्मा
आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सौंपा गया है। यूपीपीसीएल द्वारा कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशेलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ई-निविदा माध्यम के जरिए संबंधित एजेंसियों की नियुक्ति के लिए यूपीपीसीएल ने आवेदन मांगे हैं। गौरतलब है कि आर्ट गैलरी से संबंधित सभी निर्माण कार्यों को 3.43 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। कार्यावंटन के बाद नियुक्त एजेंसियों को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 माह में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।
विभिन्न प्रकार के कार्यों को दी जा रही गति
विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ परकोटा (ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक) बनाया जा रहा है। परकोटों के छत पर ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक कुल आठ केंद्र बिंदु हैं। 16 स्थानों पर मंदिर का अलग-अलग गुम्बद नुमा डिजाइन पत्थरों से बनाया जा रहा है। यहां देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी जो मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत से इसकी भव्यता एवं दिव्यता प्रदर्शित करेगी। इसके अतिरिक्त, गलियों का चौड़ीकरण करने के पश्चात सड़क के बीच डिवाइडर का भी निर्माण कार्य चल रहा है। डिवाइडर को तरह-तरह के रंग बिरंगे पौधे, आर्क लैंप्स और रोशनी सज्जा युक्त किया जाएगा।
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