कोरोना वायरस चीन ने बनाया। धीरे धीरे पर्तें खुलती जा रही है। अप्राकृतिक तरीके से तैयार किए गए इस वायरस का संक्रमण ठीक होने के बाद भी प्रभाव का एक लंबा दौर लोगों को परेशान कर रहा है। इसे लांग कोविड का नाम दिया गया है। जानकारों के मुताबिक इसका असर छह माह तक रहता है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दिमागी रूप से और शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं। चिकित्सक की सलाह के साथ नियमित पौष्टिक आहार से कम समय में इससे मुक्ति पाई जा सकती है।
हर बीमारी ठीक होने के बाद कुछ दिन तक उसका असर शरीर पर रहता है। कोरोना वायरस का संक्रमण एक ऐसी संक्रमण है जिसकी कोई अचूक दवा अब तक नहीं बनी है। दुनिया भर में वैक्सीन के जरिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर इस संक्रमण से निपटा जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञ और चिकित्सक संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के बाद वो जिस तरह की समस्याओं से जूझ रहा है उस पर रिसर्च कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती रहने, वेंटीलेटर पर रहने वाले अधिकांश रोगियों को थकान महसूस होना, नींद नहीं आना, याददाश्त कमजोर होना, बुखार आना, खांसी आने की समस्या रहती है। यह समस्या छह माह तक रह सकती है। कई बार लोग दिमागी संतुलन तक खो सकते हैं। इसे चिकित्सकों ने लांग कोविड नाम दिया है।
विशेषज्ञ के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद 20 फीसद रोगी लांग कोविड से पीड़ित हैं।
रोगी में सबसे अधिक थकान महसूस होने की शिकायत रहती है।
दूसरे नंबर पर खांसी या कफ की शिकायत रहती है।
इसके अलावा सिर दर्द, स्वाद न आना, गंध नहीं आना, गले में दर्द, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या रहती है।
डाक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में पौष्टिक आहार लेकर जल्दी ठीक हो सकते हैं। बार-बार बुखार आने या सांस ठीक नहीं होने जैसी अन्य समस्या होने पर रोगी को स्वयं दवा नहीं लेनी चाहिए। चिकित्सकों की राय से दवा लेना चाहिए।
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति शांत और गुमसुम रहते हैं या उल्टी सीधी हरकत करते हैं। वैसे व्यक्ति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वैसे व्यक्ति से लगातार बात करने की आवश्यकता है। ऐसा नहीं करने पर वह मानसिक रोगी हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए।
अगर किसी संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के बाद मानसिक तनाव अधिक लगता है तो वो इन बातों पर ध्यान दें -
कम से कम आठ घंटे की नींद लें।
सिगरेट, शराब का सेवन नहीं करें, पान-मसाला नहीं खाएं।
कैफीन की मात्रा कम कर दें।
आराम करें, भागदौड़ से बचे।
सुबह से समय थोड़ी देर तक व्यायम करें।
खान पान में प्रोटीन युक्त आहार उत्तम है।
टीम स्टेट टुडे
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