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लोकसभा चुनाव 2024 में गेमचेंजर होगा 'विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश' नारा



हर जनसभा में विकसित उत्तर प्रदेश की छवि प्रस्तुत कर यूपी के मतदाताओं को आकर्षित कर रही डबल इंजन सरकार

प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और अवस्थापना सुविधाओं में किए गए आमूलचूल बदलाव के जरिए 80 में 80 का लक्ष्य होगा हासिल

यूपी में विकास के मुद्दे पर सीएम योगी का पलड़ा अन्य दलों पर भारी, प्रदेश की जनता का भी मिल रहा है भरपूर समर्थन


लखनऊ, 13 अप्रैल। आम चुनाव 2024 की चुनावी जनसभाओं में इस बार उत्तर प्रदेश का जिक्र "विकसित भारत के विकसित उत्तर प्रदेश" के रूप में हो रहा है। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक अपनी जनसभाओं में विकसित उत्तर प्रदेश पर विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं। इसके माध्यम से प्रदेश की जनता को डबल इंजन की सरकार में उत्तर प्रदेश में हुए बड़े बदलावों के विषय में जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि विगत 7 वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर अवस्थापना सुविधाओं में जो आमूलचूल कार्य किए हैं, उससे प्रदेश का माहौल बदला है। अच्छी कनेक्टिविटी से प्रभावित होकर देश और दुनिया के निवेशक उत्तर प्रदेश आ रहे हैं। लाखों करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतर रहा है। लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी ने इसी विकास और बदलाव को आगे भी जारी रखने के लिए इस बार 80 में 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। जानकारों की मानें तो इस लक्ष्य को प्रदेश की जनता का भी समर्थन मिल रहा है। कुल मिलाकर इन चुनावों में यह नारा गेमचेंजर बनेगा, इसकी पूरी संभावना है।


विकास में यूपी सबसे आगे


हर चुनाव में विकास सबसे बड़ा मुद्दा होता है। आम चुनाव 2024 भी इससे अलग नहीं है। ये वो मुद्दा है, जिस पर भाजपा को अपनी विपक्षी पार्टियों पर भारी बढ़त हासिल है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश की बात करें तो सीएम योगी ने विगत सात वर्ष में यूपी में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। इस दौरान प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर, अवस्थापना सुविधाओं और कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार हुआ है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में 6 एक्सप्रेसवे संचालित हो रहे हैं, जबकि 7 निर्माणाधीन हैं। इस तरह देश के कुल एक्सप्रेसवे कवर क्षेत्र में अकेले उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से ज्यादा की हो गई है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक हवाई अड्डों वाला राज्य भी है। यहां 4 अंतर्राष्ट्रीय और 11 घरेलू एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं, जबकि 6 निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, देश में घोषित दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहा है। इसमें 6 नोड (अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट) को चिन्हित किया गया है। लखनऊ नोड में ब्रम्होस तथा झांसी नोड में भारत डायनामिक्स की इकाइयां स्थापित हो रही हैं। कानपुर नोड में अडाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीस लि. की परियोजना क्रियान्वित हो रही है। इसके साथ ही, 10 केंद्र पोषित व 7 राज्य पोषित कुल 17 नगरों का स्मार्ट सिटी के रूप में विकास हो रहा है। प्रदेश सरकार नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में औद्योगिक शहर बनाने की दिशा में भी कार्य कर रही है।


मेट्रो प्रदेश में बदल रहा यूपी


यूपी की कनेक्टिविटी सिर्फ हाईवे और एयरपोर्ट के माध्यम से ही नहीं बल्कि मेट्रो और जलमार्ग से भी संभव हो पा रही है। प्रदेश में 4 शहरों (गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, कानपुर, आगरा) में मेट्रो दौड़ रही है तो काशी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी एवं बरेली में मेट्रो परियोजना क्रियान्वित किए जाने की तैयारी हो रही है। इसके साथ ही, लखनऊ में दूसरे चरण के तहत मेट्रो के विस्तार की कार्यवाही की जा रही है। वहीं, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर रैपिड रेल नमो भारत की शुरुआत हो चुकी है जो देश की पहली रीजनल रेल सेवा भी है। वाराणसी में रोप-वे परियोजना पर भी कार्य हो रहा है। इसके साथ ही जलमार्ग की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 विजन के अंतर्गत प्रयागराज को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ा जा रहा है, जबकि हल्दिया-वाराणसी पथ तथा वाराणसी में गंगा नदी पर मल्टी मोडल टर्मिनल संचालित किया जा रहा है।

निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बना प्रदेश


इंफ्रास्ट्रक्चर में जो सुधार हुआ है, उसके कारण उत्तर प्रदेश निवेशकों का ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में देश और दुनिया से करीब 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिसके माध्यम से करोड़ों नौकरी व रोजगार का सृजन होने की संभावना है। इन निवेश प्रस्तावों में से हाल ही में संपन्न ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के माध्यम से 10.24 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। इसके माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार प्राप्त होने जा रहे हैं। इससे पूर्व इन्वेस्टर्स समिट 2018 में 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके तहत तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से इन निवेश प्रस्तावो का क्रियान्वयन कराया गया था।

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