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वैश्विक शांति के लिए सनातन धर्म का ज्ञान ही श्रेष्ठ - देवेंद्र मोहन "भैयाजी"



परमसंत ब्रह्मलीन कृपाल सिंह महाराज का जन्मोत्सव पीलीभीत के पूरनपुर रोड स्थित स्वामी दिव्यानंद आश्रम में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी देवेंद्र मोहन भैया जी ने सत्संग दिया।


देवेंद्र मोहन भैयाजी ने परम संत श्री कृपाल सिंह महाराज की शिक्षाओं को संगत से साथ साझा करते हुए कहा कि प्रेम और भाईचारे से सेवा का मार्ग अपना कर जीवन में शांति और संतोष प्राप्त किया जा सकता है। मनुष्य को आतंरिक, सामाजिक और वैश्विक शांति के लिए सभी धार्मिक और बाहरी मत-भेदों को दूर करना आवश्यक है।



सत्य सनातन धर्म को ही मानव धर्म का आधार बताते हुए कृपाल सिंह जी महाराज हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन आदि सभी धर्मों और पंथों के प्रति अध्यात्म और भक्ति के मार्ग से समान भाव रखते थे। मानव कल्याण के लिए वसुधैव कुटुंबकम् के मंत्र को आधार बनाकर महाराज जी ने सभी धर्मों और मठों के धर्म गुरुओं से मिलकर विश्व शांति का अनोखा संदेश दिया।


भैया जी ने कहा कि उनके गुरु स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने परम संत श्री कृपाल सिंह जी महाराज से दीक्षा ली थी।



संत शिरोमणि कृपाल सिंह जी महाराज के जीवन का उद्देश्य ध्यान, योग, साधना से अपने अंदर परमात्मा के उन अनुभवों से जुड़ना था जो जीवन का एक मात्र लक्ष्य हैं।


भैया जी ने संत कृपाल सिंह जी महाराज के प्रचलित कथन को याद करते हुए कहा कि

“परमात्मा का पाना आसान है,

इंसान का बनना मुश्किल है।”

“जब दिल का शीशा साफ़ होता है,

तो प्रभु का दर्शन आप होता है।”



देवेंद्र मोहन भैया जी ने संगत से कहा कि मनुष्य अपने चरित्र और जीवन में संयम और विकास तभी ला सकता है जब समय रहते अपने भीतर की कमियों को दूर किया जाए।


संत कृपाल सिंह जी महाराज को आध्यात्मिकता का संदेश वाहक गुरु माना जाता है और वो ध्यान एवं साधना पर बहुत ज़ोर दिया करते थे।


पूज्यपाद श्री देवेंद्र मोहन भैया जी ने सत्संग में बताया कि भारतवर्ष संत महात्माओं की धरती है। प्राचीनकाल से ही गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वहन होता आया है। संत कृपाल सिंह जी महाराज के सेवाकार्यों और उद्देश्यों को लेकर उनके गुरु स्वामी दिव्यानंद जी महाराज जीवन पर्यंत आगे बढ़ते रहे। जब स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी के रुप में वो भी ना सिर्फ अपने गुरु की शिक्षाओं और सेवाकार्यों से मानवता और समाज के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि उनके साथ जुड़ी हुई समस्त संगत भी मानव सेवा को ही प्रभु भक्ति मान कर आगे बढ़ रही है।


देवेंद्र मोहन भैया जी ने कहा कि भारतवर्ष का सत्य सनातन धर्म मानव कल्याण के लिए सारी पृथ्वी को ही अपना परिवार मानता है और मानव सेवा ही प्रभु भक्ति है।


सत्संग के उपरांत आश्रम में भंडारे का आयोजन हुआ।



सत्संग को सफल बनाने में स्थानीय संगत का बड़ा योगदान रहा।


इस मौके पर बरखेड़ा विधायक प्रवक्ता नंद बीजेपी के जिला अध्यक्ष संजय प्रताप सिंह ब्लाक प्रमुख मरौरी सभ्यता बर्मा समाज सेवक अमृतलाल कई समाज की कई गणमान्य हस्तियां भी मौजूद रहीं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संयोजक गेंदालाल बाबूजी ,राजेंद्र प्रसाद, आरपी यादव , डोरी लाल प्रजापति , चंद्र सेन शर्मा, माखनलाल , रमेश कुमार , डॉक्टर नोनी राम , सभी संगत का सहयोग रहा ।



अब तक परंपरा रही थी कि स्वामी दिव्यानंद जी महाराज द्वारा स्थापित संत कृपाल नगर आश्रम संडीला, हरदोई में परम संत कृपाल सिंह जी महाराज का जन्मोत्सव एवं भंडारा आयोजित होता था। परंतु वर्तमान में आश्रम पर काबिज लोगों के कारण यह संभव नहीं हो सका इसलिए स्थान परिवर्तन कर संत कृपाल सिंह जी महाराज का जन्मोत्सव भंडारा पीलीभीत में आयोजित किया गया।


टीम स्टेट टुडे

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