लखनऊ, 20 सितंबर 2023 : लंबे इंतजार के बाद लखनऊ की झोली में बड़ा उद्योग आने वाला है। ग्रीन फील्ड निर्माण इकाई यहां स्थापित किए जाने की तैयारी है। स्थल होगा सरोजनीगर में स्कूटर्स इंडिया का बंद पड़ा परिसर। इसके लिए हिंदुजा समूह की हरी झंडी की प्रतीक्षा है। यह इकाई स्थापित हुई तो वीरान पड़े इस परिसर में फिर से रौनक दिखेगी। इस बार इसे इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाया जाएगा। इसी के साथ ही आसपास के जिलों के लिए रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
15 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हिंदुजा कंपनी के अधिकारियों की मुलाकात हुई थी। इस दौरान राज्य सरकार और हिंदुजा समूह के बीच एमओयू भी हुआ था। एमओयू के मुताबिक, हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लीलैंड को उत्तर प्रदेश में ग्रीन फील्ड निर्माण इकाई स्थापित करनी है। पांच दिन में ही सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए लखनऊ में ही जमीन की तलाश कर ली।
सरकार ने बंद पड़ी स्कूटर्स इंडिया की जमीन को उपयुक्त पाया है। जमीन का क्षेत्रफल 140 एकड़ है, जिसमें से मात्र छह एकड़ सड़क निर्माण में गई है। स्कूटर्स इंडिया से लीज खत्म होने के बाद जमीन यूपीसीडा के कब्जे में आ गई थी। अब हिंदुजा समूह के अधिकारियों को इस जमीन को दिखाया जाना है और उनकी तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। मंगलवार को शाम चार बजे यूपीसीडा के प्रधान मुख्य अभियंता संदीप चंद्रा, सहायक अभियंता बीएन श्रीवास्तव, नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश चंद्र वर्मा, अधिशासी अभियंता एससी सिंह ने स्कूटर्स इंडिया का निरीक्षण किया।
परिसर में भारी मात्रा में पानी का जमाव और मलबा पाया गया। अब पूरे परिसर को साफ किया जाना है, जिससे हिंदुजा समूह के अधिकारी आएं तो उन्हें किसी बात की आपत्ति न हो। कानपुर रोड की दीवार से सटे कच्चे नाले की सफाई करानी होगी, जिससे पानी निकल सके। नाला फ्लाईओवर निर्माण के दौरान निकले मलबे से पट गया है। एक अधिकारी ने माना कि अशोक लीलैंड को इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने के लिए यह जमीन दिए जाने की योजना है। इसलिए परिसर की सफाई के बाद ही कंपनी के अधिकारियों का दौरा कराया जाएगा।
1972 में बनी थी स्कूटर्स इंडिया
स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड की स्थापना प्रक्रिया 1972 में शुरू हुई थी और अप्रैल 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शिलान्यास किया था। तब वहां तिपहिया विक्रम लैम्ब्रो का निर्माण चालू किया गया था और फिर विजय डीलक्स और एक्सपोर्ट के लिए लम्ब्रेटा स्कूटर बनाए जाने लगे। समय की दौड़ में स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड पिछड़ती गई और पिछले साल ही केंद्र सरकार ने उसे बंद करने का निर्णय लिया था।
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