देश में 1975 में आपातकाल को आज 46 वर्ष पूरे हुए हैं।
क्या हुआ होगा उस समय जब ऐलान हुआ भारत में आपातकाल का। कब से और कैसे चल रही थीं तैयारियां।
क्या क्या किया इंदिरा ने इमरजेंसी लगाने के लिए। क्या हुआ था अदालत में।
स्टेट टुडे टीवी आपके लिए लाया है ऐसा सच जो ना तो आपने इससे पहले सुना होगा और ना ही देखा होगा।
स्टेट टुडे टीवी आपके लिए ऐसी डाक्यूमेंट्री लाया है जिसमें उन लोगों ने इमरजेंसी का सच बताया है जिनमें एक वो वकील हैं जो अदालत में इंदिरा के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे थे। जेपी के सचिव रफी अहमद हैं और गोविंदाचार्य है जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के साथ साथ उस दौर के साक्षी हैं जब आपातकाल देश पर थोपा गया।
क्या कहा प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी के 46 साल होने पर
प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल लगाने को लेकर कांग्रेस पार्टी के ऊपर निशाना साधा है और आपातकाल को लोकतंत्र का काला दिवस बताते हुए कहा कि इसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1975 में आपातकाल लगाकर कांग्रेस पार्टी ने लोकतांत्रिक मूल्यों को रौंदा था। आज ही के दिन 1975 में उस समय की इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी।
आपातकाल लगने के 46 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन सभी लोगों को याद किया जिन्होंने आपातकाल लगाए जाने का विरोध किया था और भारतीय लोकतंत्र को बचाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश आपातकाल के काले दिन को कभी नहीं भुलाया जा सकता और 1975 से 1977 के दौरान संस्थानों को सुनियोजित तरीके से खत्म किया गया। 1975 से 1977 के दौरान देश में आपातकाल लगाया गया था।
भारत के गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आपातकाल को लेकर कांग्रेस पार्टी के ऊपर निशाना साधा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, "वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के महान लोकतंत्र पर कुठाराघात कर देश पर 'आपातकाल' थोपा था। मैं उन सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने 'आपातकाल' की अमानवीय यातनाओं को सह कर भी देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में सहयोग दिया था।
टीम स्टेट टुडे
Commentaires