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World Hepatitis Day (28 August 2025) विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

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- मानसून में जलजनित हेपेटाइटिस के मामलों में बढ़ोतरी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के डॉक्टरों ने साझा की ज़मीनी सच्चाई

- जल, भोजन और असुरक्षित जीवनशैली से जुड़ा खतरा; समय रहते जांच और इलाज से बचाव संभव


नोएडा/ग्रेटर नोएडा, 28 जुलाई 2025: वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रमुख अस्पतालों के विशेषज्ञों ने हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। मानसून के मौसम में जल और भोजन से फैलने वाले हेपेटाइटिस ए और ई के केस अचानक बढ़ जाते हैं, जबकि बी और सी प्रकार लंबे समय तक शरीर में बिना लक्षण के रहकर लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

Dr. Nishant Nagpal, Director – Gastroenterology, Fortis Hospital Noida
Dr. Nishant Nagpal, Director – Gastroenterology, Fortis Hospital Noida

फोर्टिस नोएडा के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. निशांत नागपाल ने बताया, "सबसे ख़तरनाक स्थिति तब होती है जब हेपेटाइटिस ए, बी या सी अचानक से 'फुलमिनेंट' हेपेटाइटिस में बदल जाए, जिसमें लिवर अचानक काम करना बंद कर देता है। हमारे यहां सबसे अधिक हेपेटाइटिस सी देखा गया है, जो लिवर कैंसर और सिरोसिस का कारण बन सकता है। हालांकि 12 हफ्ते की नई दवा से यह अब काबू में आने लगा है।"


उन्होंने यह भी बताया कि "मानसून में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जलजनित हेपेटाइटिस के केस तेजी से बढ़ते हैं। फुटपाथी दुकानों पर मिलने वाले दूषित पानी और खुले में बिकने वाले खाने से संक्रमण फैलता है। ऐसे में सावधानी बेहद ज़रूरी है।"

Dr. Adarsh Kumar Chauhan- Massh- Manas Hospital, Noida
Dr. Adarsh Kumar Chauhan- Massh- Manas Hospital, Noida

विभागाध्यक्ष, लैप्रोस्कोपिक जीआई एवं जनरल सर्जरी, मैश मानस हॉस्पिटल, नोएडा डॉ. आदर्श कुमार चौहान के अनुसार, "नोएडा में हाल के वर्षों में हेपेटाइटिस ए और सी के मामलों में खासा इज़ाफ़ा देखा गया है। 2021 में सेक्टर 79 की एक सोसाइटी में एक ही सप्ताह में 9 मामले सामने आए थे। यह संक्रमण अक्सर गंदे पानी और असुरक्षित भोजन के ज़रिये फैलता है। बी और सी प्रकार का हेपेटाइटिस खून और शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है। ऐसे लोगों को समय-समय पर जांच करानी चाहिए जो नशे के इंजेक्शन लेते हैं, डायलिसिस पर हैं, या कई बार खून चढ़वा चुके हैं।"


हेपेटाइटिस ए अक्सर कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन हेपेटाइटिस सी का इलाज अब आधुनिक एंटीवायरल दवाओं से संभव है। हेपेटाइटिस बी को नियंत्रित किया जा सकता है, पर पूरी तरह ठीक करना हमेशा संभव नहीं होता।

Dr. Dinesh Kumar, Director – Internal Medicine, Fortis Greater Noida
Dr. Dinesh Kumar, Director – Internal Medicine, Fortis Greater Noida

फोर्टिस ग्रेटर नोएडा में निदेशक, आंतरिक चिकित्सा, डॉ. दिनेश कुमार के अनुसार, "हमारे यहां मानसून में सबसे ज़्यादा हेपेटाइटिस ए और ई के मरीज आते हैं। उसके बाद सी के मामले भी मिलते हैं। हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक माना जाता है। ग्रेटर नोएडा में हर साल कुल हेपेटाइटिस के मामलों में 8 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जाती है, जबकि हेपेटाइटिस बी अकेले 3 से 4 प्रतिशत मामलों में होता है।"


उन्होंने यह भी कहा, "जिन लोगों को बार-बार खून चढ़ता है, जो नशे के इंजेक्शन लेते हैं, हेल्थ वर्कर हैं, या असुरक्षित यौन संबंध रखते हैं, वे सबसे अधिक जोखिम में होते हैं। अगर समय रहते जांच कर ली जाए तो अधिकतर मामलों में इलाज संभव है।"


हेपेटाइटिस ए और बी की सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है। साथ ही, बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान ज़रूर दें। साफ पानी पिएं, खाने से पहले हाथ धोएं, और मानसून में खुले में बिकने वाले खाने से बचें। इंजेक्शन, टैटू, या मेडिकल उपकरण हमेशा प्रमाणित और स्वच्छ केंद्रों से कराएं।अनजान पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय सावधानी बरतें।


हेपेटाइटिस बी और सी कई बार बिना किसी लक्षण के शरीर में मौजूद रहते हैं। अगर समय रहते इनकी पहचान हो जाए तो लिवर को होने वाले बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य का भी बड़ा मुद्दा है, और इसके लिए जागरूकता, जांच और समय पर इलाज अत्यंत आवश्यक है।

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