लखनऊ, 20 सितंबर 2022 : उत्तर प्रदेश विधान सभामें बुधवार कोबिना कहे सरकारने इशारों मेंयह जता दियाकि वह सिंचाईके लिए किसानोंको मुफ्त बिजलीनहीं देगी। प्रश्नकालके दौरान किसानोंको मुफ्त बिजलीदेने के बारेमें रालोद औरसपा सदस्यों कीओर से बार-बार कियेगए सवाल परऊर्जा मंत्री एकेशर्मा यही कहतेरहे कि सरकारकिसानों को सिंचाईके लिए बिजलीपर 88.19 प्रतिशत छूट देरही है।
आखिर मेंजब नेता प्रतिपक्षअखिलेश यादव नेयही प्रश्न कियातो ऊर्जा मंत्रीएके शर्मा तोकुछ नहीं बोलेलेकिन विधान सभाअध्यक्ष सतीश महानाने सरकार कीमंशा को यहकहते हुए जाहिरकर इस प्रकरणका पटाक्षेप कियाकि 'वह कहचुके हैं किसिंचाई के लिएमुफ्त बिजली नहींदेंगे।'
प्रश्नकाल के दौरानरालोद के अजयकुमार और सपाके जियाउर्रहमान नेसवाल किया किक्या सरकार किसानोंको सिंचाई केलिए मुफ्त बिजलीदेगी? इस परऊर्जा मंत्री नेकहा कि सामान्यरूप से बिजलीकी दर 720 रुपयेप्रति हार्सपावर प्रतिमाह है। इसकेसापेक्ष सरकार 550 रुपये प्रतिहार्सपावर प्रति माह सब्सिडीदेती है जिसकेलिए बजट में 7097 करोड़ रुपये आवंटित कियेगए हैं।
बची हुई 170 रुपये प्रति हार्सपावर प्रतिमाह की लागतपर पहली जनवरी 2022 से कृषि विभागकी ओर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जारही है जिसकेलिए बजट में 1600 करोड़ रुपये का प्रविधानकिया गया है।इस तरह सरकार 720 रुपये प्रति हार्सपावर प्रतिमाह की दरवाली बिजली किसानोंको सिंचाई केलिए मात्र 85 रुपयेप्रति हार्सपावर प्रतिमाह की दरसे उपलब्ध करारही है जो 88.19 प्रतिशत की छूटदर्शाता है।
सपा केलालजी वर्मा केअनुपूरक प्रश्न के उत्तरमें ऊर्जा मंत्रीने कहा किवर्ष 2019 में पूर्णहुई सामान्य योजनाके तहत किसानोंको 68000 रुपये की सब्सिडीदी गई है।इस योजना में 31428 किसानों को बिजलीकनेक्शन दिये गएहैं।
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