नई दिल्ली, 6 सितंबर 2022 : एक कहावत है- सूत न कपास, जुलाहन में लठ्ठम लठ्ठा। कुछ इसी तर्ज पर विपक्ष में परोक्ष रूप से इसकी दावेदारी शुरू हो गई है कि अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चेहरा कौन होगा। अब तक विपक्ष के किसी नेता की ओर से खुद दावेदारी पेश नहीं की गई है, लेकिन उनके दलों की ओर से खम ठोक दिया गया है।
इसी बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आश्चर्यजनक रूप से खुद को सबसे आगे खड़ा करने की कोशिश की है। हैदराबाद में एक जनसभा के जरिए उन्होंने खुद के राष्ट्रीय राजनीति में आने का मौखिक समर्थन ले लिया। इतना ही नहीं बतौर प्रधानमंत्री पद दावेदार यह घोषणा भी कर दी है कि 2024 में गैर भाजपा सरकार बनने पर पूरे देश के किसानों को मुफ्त बिजली और पानी मुहैया कराया जाएगा। अचरज की बात नहीं कि उनकी इस घोषणा से विपक्षी दल भी असहज हों।
विपक्षी एकता के लिए दिल्ली पहुंचे नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिनों से दिल्ली में मौजूद हैं और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की। वह इसे विपक्षी एकता से जोड़ रहे हैं और साथ ही यह भी स्पष्ट कर रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के इच्छुक नहीं है। यह और बात है कि उनकी पार्टी की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं। बैनर पोस्टरों में यह संकेत भी दिया जा रहा है कि अगला पड़ाव दिल्ली है।
सभी विपक्षी दल कर रहे हैं पीएम पद की दावेदारी
कांग्रेस के नेताओं की ओर से यह दावा किया गया था कि इसके लिए सबसे योग्य राहुल गांधी हैं तो तृणमूल कांग्रेस की ओर से तत्काल ममता बनर्जी की नाम उछालने में देर नहीं हुई। इस पूरे क्रम में विपक्षी एकता को लेकर अलग अलग धारा चल रही है। ममता बनर्जी कांग्रेस को अलग थलग आगे बढ़ना चाहती हैं और इसीलिए उनके दिल्ली दौरे में कांग्रेस से दूरी ही रखी जाती है। चंद्रशेखर राव भी कांग्रेस से अलग-अलग ही चल रहे हैं।
26 राज्यों के किसान संघ नेताओं से मिले चंद्रशेखर राव
नीतीश कुमार सबको साथ लाने की कोशिश में हैं और इसीलिए कांग्रेस के साथ साथ वाम नेताओं से भी मिले। जबकि आम आदमी पार्टी अपनी राह खुद बनाने में लगी है। चुनाव में यूं तो हर दल राज्यवार मुफ्त बिजली पानी का मुद्दा लेकर चल रही है लेकिन चंद्रशेखर राव ने जिस तरह पूरे देश का खाका रख दिया है, वह स्पष्ट संदेश है कि वह सबसे आगे ही चलना चाहते हैं। सोमवार को उन्होंने हैदराबाद में 26 राज्यों के किसान संघ नेताओं से मिले और वहीं घोषणा कर दी है कि गैर भाजपा सरकार बनी को पूरे देश में बिजली पानी मुफ्त। उन्होंने यह आंकड़ा भी रख दिया कि इसमें 1.45 लाख करोड़ खर्च होंगे।
चंद्रशेखर राव ने की किसानों के लिए मुफ्त बिजली पानी की घोषणा
एक जनसभा में उन्होंने लोगों को भी धन्यवाद भी दिया और कहा- 'आप लोगों ने हमें केंद्रीय राजनीति में प्रवेश की अनुमति दी है इसके लिए धन्यवाद।' यह स्थिति तब है, जबकि विपक्ष के बीच अभी यही तय नहीं हुआ है कि गठबंधन में कौन दल साथ होंगे और कौन नहीं? गठबंधन हुआ तो सीटों के बंटवारे का आधार क्या होगा? प्रधानमंत्री पद को लेकर तो चर्चा दूर-दूर तक नहीं है। लेकिन दबाव बनाने की कवायद शुरू है और इस क्रम में यह दिखने की कोशिश है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सबसे ज्यादा आक्रामक कौन है।
कई राज्यों में सक्रिय आम आदमी पार्टी की सबसे अलग दावेदारी
जाहिर है कि आने वाले दिनों में अलग अलग तरह से दावेदारी का दौर शुरू हो सकता है। बहरहाल, अभी यह तय नहीं है कि विपक्षी एकजुटता कितनी मजबूत होगी क्योंकि दो राज्यों में सत्ता में काबिज और कई राज्यों में सक्रिय आम आदमी पार्टी सबसे अलग चल रही है। आप की ओर से गुजरात में कांग्रेस को वोट न देने की अपील की जा चुकी है। टीआरएस और तृणमूल का कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं है। जबकि बीजू जनता दल, वाइएसआर जैसे दल किसी भी खेमे से बाहर है।
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