पटना, 16 जुलाई 2023 : पटना रेलवे स्टेशन पर परिवार से बिछड़कर बिहार की अरवल जिले की रहने वाली युवती रुनी कुमारी दिल्ली की ट्रेन में बैठ गई। उसके पास टिकट नहीं था। टीटीई ने उसे जीआरपी के हवाले कर दिया। जीआरपी से उसे वन स्टाप सेंटर भेज दिया गया । सेंटर से भी जब परिवार का पता नहीं चला तो उसे राजकीय महिला शरणालय में 12 मई 2022 को भेजा गया।
यहां आधार का अपडेट कराकर रुनी कुमारी के घर का पता लगाया गया। रुनी के परिवारवाले उसे मिल गए। रूनी कुमारी का पता लगाने के लिए महिला शरणालय ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क किया था। पता चला की रुनी कुमारी का आधार 21 जुलाई 2018 को बना था।
रतन स्क्वायर स्थित आधार सेवा केंद्र में रुनी कुमारी के आधार में बायोमैट्रिक कराने के साथ शरणालय का फोन नंबर 12 जनवरी को अपडेट कराया गया था। संशोधित आधार डाक से रुनी कुमारी के मूल निवास पर पंहुचा। आठ जुलाई को रुनी कुमारी के चचेरे भाई ने शरणालय से संपर्क किया और उसे अपने साथ ले जाने के लिए कहा। शुक्रवार को रुनी कुमारी को उसके परिवार को सौप दिया गया।
प्राधिकरण के उप महानिदेशक प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि तीन सालों में प्रदेश में लगभग 140 लोगों को आधार की मदद से उनके बिछड़े परिवार से मिलाया जा चुका है, जिनमें अधिकतर बच्चें हैं। लोगों को अपने बच्चों का आधार नामांकन तुरंत कराना चाहिए। यदि उनका आधार नामांकन हो चुका है तो पांच साल और 15 साल की आयु पूरी होने पर अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट जरूर कराए।
Comments