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सरकार का 1 साल : नए वि.वि खोलने पर जोर, बढ़ाई शिक्षा की गुणवत्ता


लखनऊ, 23 मार्च 2023 : योगी सरकार 2.0 के एक वर्ष के कार्यकाल में संसाधनों के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया गया। उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्य न जाना पड़े इसके लिए विश्वविद्यालयों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।

चार नए विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। निजी विश्वविद्यालय भी तेजी से खोले जा रहे हैं। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के मूल्यांकन में तीन विश्वविद्यालयों को सर्वोच्च ए प्लस-प्लस ग्रेड मिला है। वहीं कायाकल्प अभियान के तहत 92 प्रतिशत परिषदीय स्कूलों में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए गए। वहीं 20 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों को उच्चीकृत कर डिग्री कालेज बनाया जाएगा।

जो चार नए विश्वविद्यालय खुलेंगे उनमें मीरजापुर मंडल में मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, देवीपाटन मंडल में मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय और मुरादाबाद मंडल में भी एक राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। वहीं कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्याेगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। आगे राज्य विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 24 और निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 46 होगी।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के मूल्यांकन में लखनऊ विश्वविद्यालय, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर व चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को ए प्लस-प्लस ग्रेड मिला है। यानी गुणवत्ता की कसौटी पर भी विश्वविद्यालय खरे उतरे हैं।

यह पहला मौका है जब नैक मूल्यांकन में एक साथ तीन-तीन राज्य विश्वविद्यालयों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हैं। वहीं राजकीय डिग्री कालेजों में ई लर्निंग पार्क व स्मार्ट क्लास बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए 27 विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ 111 अनुबंध किए हैं।

परिषदीय स्कूलों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कायाकल्प अभियान को तेजी से चलाया गया। करीब 92 प्रतिशत स्कूलों में सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ यूनिफार्म, स्वेटर, जूते-मोजे, स्कूल बैग व स्टेशनरी खरीदने के लिए प्रति विद्यार्थी 1,200 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित की गई। चार हजार अभ्युदय विद्यालय आगे खोले जाएंगे और यहां स्मार्ट क्जास के साथ-साथ विद्यार्थियों को हुनरमंद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

वहीं माध्यमिक संस्कृत स्कूलों की सूरत बदलने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया गया है। 20 माध्यमिक संस्कृत स्कूलों को उच्चीकृत कर डिग्री कालेज बनाया जाएगा। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए नए मानक स्थापित किए गए हैं।

नई व्यवस्था के तहत विभिन्न विषयों के अध्यापकों के लिए अलग-अलग पुरस्कार निर्धारित कर दिए गए हैं। पहले एक ही विषय के कई शिक्षक पुरस्कार पा जाते थे, अब ऐसा नहीं होगा। वहीं समर्थ तकनीकी प्रणाली की मदद से 2,96,359 दिव्यांग बच्चों को आनलाइन चिह्नित किया गया और परिषदीय स्कूलों में इनका दाखिला कराया गया। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए गए।

यूपी बोर्ड परीक्षा में क्यूआर कोड वाली कापियां

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में नकल को रोकने के लिए टेक्नोलाजी का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे व वायस रिकार्डर तो लगाए ही जा रहे हैं। अबकी पहली बार क्यूआर कोड वाली कापियां विद्यार्थियों को दी गईं। इससे कापियां बदलना आसान नहीं होगा। वहीं कापियों पर लोगो भी लगाया गया है। नकल रोकने के लिए पर्याप्त सख्ती की जा रही है।

माध्यमिक स्कूलों में करियर काउंसिलिंग की व्यवस्था

माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की करियर काउंसिलिंग के लिए पंख पोर्टल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं ई लाइब्रेरी के लिए प्रज्ञान पोर्टल तैयार कर उसे उपयोग में लाया जा रहा है। वहीं स्नातक व स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को बेहतर ई कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने स्टूडियो तैयार किया है।

इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को खुद अपना उद्यम शुरू करने के लिए मागदर्शन देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर यानी स्टार्टअप केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। यहां विद्यार्थियों को खुद का उद्यम शुरू करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक करीब 15 स्टार्टअप केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। वहीं पालीटेक्निक संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए नए कोर्स शुरू किए गए हैं। डाटा साइंस एंड मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ विंग्स, साइबर सिक्योरिटी एंड ड्रोन टेक्नोलाजी शामिल हैं।

रोजगारपरक कोर्स शुरू हुए और इंटर्नशिप को बढ़ावा

विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक कोर्स शुरू किए गए। कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई और इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने अभी हाल ही में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है जो स्किल बेस्ड कोर्सेज के संचालन के लिए मानकों का निर्धारण करेगी और इंटर्नशिप के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ एमओयू किए जाने का खाका तैयार करेगी।

वार्ड व गांव में अब डिजिटल लाइब्रेरी

विद्यार्थियों के लिए अब शहरों में वार्ड स्तर पर और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इसका मकसद विद्यार्थियों को अधिक से अधिक ई बुक्स व ई जर्नल पढ़ने की सुविधा प्रदान करना है। इन लाइब्रेरी के माध्यम से युवा वैश्विक स्तर का ज्ञान हासिल कर सकेंगे। फिलहाल सरकार विद्यार्थियों को अधिक से अधिक ई कंटेंट जुटाने के लिए अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करा रही है।

परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों को चैटबाट की सुविधा

परिषदीय स्कूलों की गतिविधियों की निगरानी करने व पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। विद्यार्थियों को चैटबाट की सुविधा मिलेगी। चैटबाट का मतलब होता है बातचीत करने वाला रोबोट। यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो सवाल-जवाब के लिए तैयार किया गया है। वहीं अब परिषदीय स्कूलों में डिजिटल रजिस्टर होंगे। सभी शिक्षक विभाग से जुड़ी जानकारियां आनलाइन उपलब्ध कराएंगे। सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई जाएंगी। विद्यार्थियों को कंप्यूटर की शिक्षा देकर उन्हें दक्ष बनाया जाएगा। आगे न्याय पंचायत स्तर पर भी आइसीटी लैब की व्यवस्था की जाएगी। शैक्षिक चैनल शुरू किए जाएंगे।


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