वाराणसी, 22 अगस्त 2022 : ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित शृंगार गौरी सहित सभी प्रमुख देवी देवताओं के विग्रह के नियमित भक्तों द्वारा दर्शन- पूजन और वहां मौजूद देवी- देवताओं की मूर्तियों के साथ ही धार्मिक चिह्नों के संरक्षण के लिए राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की ओर से दाखिल वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सोमवार की दोपहर करीब दो बजे जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई।प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से वादी पक्ष की दलीलों पर जवाब आगे दाखिल किया जाएगा।
ज्ञानवापी प्रकरण में मंगलवार को भी सुनवाई : ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और वहां मौजूद देवी-देवताओं की मूर्तियों व धार्मिक चिह्नों के संरक्षण के लिए राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की ओर से दाखिल वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सोमवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वादी पक्ष के वकीलों की दलीलों का जवाब दिया गया। एडवोकेट शमीम अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है। यह वक्फ संपत्ति के तौर पर ही दर्ज भी है। इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सिविल कोर्ट को नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड को है। कोर्ट में वादी और प्रतिवादी पक्ष के बीच सहमति बनी है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी मंगलवार को भी जवाबी बहस जारी रखेगी। इसके बाद वादी पक्ष के वकील मसाजिद कमेटी की जवाबी बहस का प्रतिउत्तर देंगे।
दूसरे मामले में नई तारीख : विश्व हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता अजीत सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र जिसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग अविमुक्तेश्वर महादेव बताते हुए नियमित दर्शन पूजन की मांग की गई है। उसमें आज सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजमिया व प्रशासन की ओर से कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि नियत कर दी है। अब 29 अगस्त को अगली सुनवाई होगी।
मुस्लिम पक्ष की चल रही तैयारी : पिछली दो सुनवाइयों में प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी पक्ष के प्रमुख वकील अभयनाथ यादव के निधन का हवाला देते हुए दोबारा कोर्ट में इस मामले की नए सिरे से तैयारी के लिए अदालत से समय मांगा गया था। पिछली सुनवाई में लगातार तारीख को बढ़ाने की मांग को देखते हुए अदालत ने मुस्लिम पक्ष से नाराजगी जाहिर करते हुए 500 रुपये का हर्जाना भी लगाया था। इसके बाद से ही मुस्लिम पक्ष के वकीलों की ओर से रणनीति बनाने के साथ ही जल्द ही प्रमुख वकील के निधन की भरपाई शुरू कर दी गई।
वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन की मांग : दूसरी ओर एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के आंगन में बने वजूखाने के बीचो बीच शिवलिंग मिलने के बाद इसे अदालत द्वारा संरक्षित कर लिया गया था। अब इसके नियमित पूजन और अर्चन की मांग की जा रही है। विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व अजीत सिंह की ओर से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को अविमुक्तेश्वर महादेव बताते हुए उनके नियमित दर्शन -पूजन की मांग करते हुए दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनाई होगी। ज्ञानवापी मस्जिद में मिले इस शिवलिंग को जहां मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है वहीं अदालत की ओर से इसे शिवलिंग मानते हुए संरक्षित कर लिया गया था। इसके बाद से ही इसके नियमित पूजन अर्चन की मांग उठ रही है।
अदालत परिसर में गहमागहमी : ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण के दो मामले की जिला जज और फास्ट ट्रैक कोर्ट अदालत में सोमवार को अलग- अलग सुनवाई हुई। इसके लिए हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। परिसर में भी सुबह से ही गहमहागहमी शुरू हो चुकी है। वहीं दोनों ही प्रमुख मामलों की सुनवाई दोपहर दो बजे के बाद हुई।
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