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बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान, खेतों में भरा पानी, पड़े ओले


लखनऊ, 20 मार्च 2023 : बेमौसम बरसात, तेज हवा के साथ पड़े ओले ने उत्तर प्रदेश के तकरीबन हर जिले में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सरसों, गेहूं, चना और आम की फसलों को सर्वाधिक क्षति पहुंची है। असमय बारिश ने किसानों की तो चिंता बढ़ाई ही है साथ ही रबी में रिकार्ड उत्पादन की सरकार की आस को भी झटका दिया है। मौसम की मार का रबी फसल की उत्पादकता पर सीधा असर पड़ना तय माना जा रहा है।

कृषि विभाग ने प्रदेश भर में हुई बारिश से किसानों को हुए नुकसान को गंभीरता से लिया है और सभी जिलों से नुकसान का जमीनी आकलन कर रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि फसल क्षति की अब तक तीन हजार से अधिक शिकायतें टोल फ्री नंबर पर किसानों द्वारा दर्ज कराई गई हैं।

कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को कृषि विभाग के अधिकारियों और बीमा कंपनियों के अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि फसल क्षति का आकलन करते हुए करते हुए रिपोर्ट कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा निदेशक को उपलब्ध कराएं।

बीमा कंपनियां के प्रतिनिधियों से कहा कि तत्काल सर्वेक्षण कराकर क्षतिपूर्ति की कार्यवाही करें। स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनियों के अंतर्गत जिन किसानों के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, सभी बीमा कंपनियां 10 दिनों के अंदर कृषि विभाग के साथ संयुक्त सर्वेक्षण कराकर क्षतिपूर्ति का भुगतान करें।

अगले दो तीन दिनों तक बनीं रह सकती है यही स्थिति

प्रदेश में अगले दो तीन दिनों तक मौजूदा स्थिति बनीं रह सकती है। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मध्यम बादल छाए रहेंगे और गरज -चमक के साथ बारिश और कुछ-कुछ स्थानों पर तेज हवा चलने की संभावना है। मौसम वेधशाला भाकृअनुप, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की मानें तो पिछले 24 घंटे में लखनऊ जिले में 29 मिमी बारिश हुई है।

शामली, मुज्जफरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद जिले में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। जिसके लिए बारिश का आरेंज जारी किया गया है। वहीं, गोंडा, बस्ती, संतकबीर नगर, बलरामपुर, अमरोहा, सीतापुर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, शामली, मुज्जफरनगर, झांसी, बागपत, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद में ओले गिरने की भी संभावना है, जिसके लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आरेंज अलर्ट जारी होने पर संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने को कहा जाता है और लोगों को इधर-उधर जाने पर सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है।

फसलों की कटाई न करें किसान : डा. एके दुबे

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एके दुबे ने किसानों को मौजूदा समय में किसानों को फसल कटाई और सिंचाई दोनों से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना को देखते हुए किसान अगले तीन-चार दिनों तक अपनी तैयार फसलों की कटाई न करें। सिंचाई भी न करे।

उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल को वहां अधिक नुकसान हुआ है जहां ओले पड़े हैं। सरसों और चने की खड़ी फसल को भी बारिश से नुकसान हुआ है। हालांकि सब्जी की खेती के लिए यह बारिश अच्छी है। लगातार हो रही बारिश से आम की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंच सकता है। आम में खर्रा या दहिया रोग लगने की संभावना को देखते हुए सल्फर तीन ग्राम प्रति लीटर पानी या केराथेन एक मिली लीटर प्रति लीटर या प्रोपिकोनजोल का छिड़काव मौसम साफ हाेने पर करें।

फसल बीमा से महज दस प्रतिशत की ही होगी भरपाई

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फसल क्षति की भरपाई सीमित किसानों को ही राहत देगी। वजह स्पष्ट है कि रबी फसल के कुल रकबे का महज दस प्रतिशत ही फसल बीमा के दायरे में लाया जा सका है। प्रदेश में रबी का कवरेज एरिया 130 लाख हेक्टेयर से अधिक रहा है, जबकि फसल बीमा 13.33 लाख हेक्टेयर को ही कवर कर रहा है। रबी के दौरान फसल बीमा के तहत 19.5 लाख किसानों का बीमा किया गया था।