लखनऊ, 31 जनवरी 2022 : लंबे समय बाद तपस्थली तीर्थराज प्रयाग से भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने संकल्पना साकार करने की दिशा में संतों ने काम शुरू कर दिया है। इस लिहाज से हिंदू राष्ट्र का अपना संविधान होगा, जिसे 'हिंदू राष्ट्र संविधान' का नाम दिया जाएगा। अखिल भारतीय विद्वत परिषद के महामंत्री डा. कामेश्वर उपाध्याय संविधान निर्माण के संयोजक नियुक्त किए गए हैं। इनके अंतर्गत कानून के जानकार, शास्त्र मर्मज्ञ व सुरक्षा विशेषज्ञों की तीन समितियां बनेंगी। हर समिति में कम से कम 25 लोग शामिल होंगे। इसमें सिख, बौद्ध, जैन सहित 127 पंथों के प्रतिनिधि सम्मलित होंगे। श्रावण मास तक 'हिंदू राष्ट्र संविधान' का प्रारूप तैयार करने का लक्ष्य है, जबकि 2023 के माघ मेला में धर्म संसद संचालन समिति संत सम्मेलन का आयोजन कर उसमें नए संविधान को संतों व श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
माघ मेला क्षेत्र के ब्रह्मर्षि आश्रम शिविर में 29 जनवरी को धर्म संसद संचालन समिति ने संत सम्मेलन आयोजित किया था। सम्मेलन में भारत को हिंदू राष्ट्र लिखने व बोलने का प्रस्ताव पारित हुआ था। समिति के संयोजन स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में काम आरंभ है। देश के 543 संसदीय क्षेत्र में सांसद की जगह 'धर्म सांसद' का निर्वाचन होगा। हिंदू राष्ट्र के संविधान में विधिवतधर्म सांसदों के निर्वाचन की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष और मतदाताओं की आयु 16 वर्ष होगी। संसद भवन की तर्ज पर काशी में 'धर्म संसद' का भवन बनेगा। इसके लिए शूलटंकेश्वर के पास 48 एकड़ जमीन चिह्नित हुई है।
अनिवार्य होगी गुरुकुल शिक्षा
'हिंदू राष्ट्र संविधान' में गीता, श्रीरामचरितमानस, मनु स्मृति सहित समस्त वेद, पुराणों के अंश शामिल होंगे। मातृकुल (गुरुकुल) शिक्षा अनिवार्य होगी। इसमें तीन से आठ वर्ष के बालक, बालिकाओं को अनिवार्य रूप से गुरुकुल शिक्षा ग्रहण होनी होगी। तभी उन्हें अन्य विद्यालयों में जाने की अनुमति मिलेगी।
चंद्रगुप्त की तरह बनेगा मंत्रिमंडल
स्वामी आनंद स्वरूप बताते हैं कि हिंदू राष्ट्र का मंत्रिमंडल चंद्रगुप्त मौर्य की तरह तैयार किया जाएगा। इसमें सुरक्षा, शिक्षा, राजकीय, चिकित्सा आदि नई व्यवस्था होगी। मुस्लिमों को पूरा सम्मान व सुरक्षा मिलेगी, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं होगा।
तेज होगी इस्लामी जिहाद के खिलाफ लड़ाई
हिंदू राष्ट्र के लिए मुखर आवाज उठाने वाली महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि इस्लामी जिहाद के खिलाफ लड़ाई तेज होगी। हमें रोकने के लिए भारत व अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश रची जा रही है, लेकिन मुहिम रुकेगी नहीं। हिंदू राष्ट्र बनाने व इस्लामी जिहाद खत्म करने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। मुस्लिमों की ससम्मान घर वापसी कराई जाएगी। मठ-मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करने का अभियान तेज होगा।
Comments