नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2022 : अधिकारियों ने कहाकि भारतीय सुरक्षाएजेंसियों ने पाकिस्तानके साथ अंतरराष्ट्रीयसीमा पर सेनाके टैंकों केलिए रैंप बनानेऔर बीएसएफ बंकरोंको मजबूत करनेसहित एक प्रमुखरक्षा बुनियादी ढांचेमें सुधार कियाहै। आधिकारिक सूत्रोंने बताया किबुनियादी ढांचे के नवीनीकरणऔर कुछ नएनिर्माण का पहलाचरण हाल हीमें जम्मू मेंफ्रंट के साथ 26 किलोमीटर की दूरीपर पूरा कियागया है, जबकिइसी क्षेत्र में 33 किलोमीटर का एकऔर काम कियाजा रहा है।
कश्मीर में 772 किमीलंबी है एलओसी
जम्मू भारत-पाकिस्तानअंतरराष्ट्रीय सीमा कीकुल दूरी 2,289 किलोमीटरमें से 192 किमीलंबी सीमा कोसाझा करता है।दोनों पड़ोसियों केबीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) प्रमुख रूप सेकश्मीर में पड़तीहै और यहकरीब 772 किलोमीटर लंबी है।
किए गएरक्षा बुनियादी ढांचेके काम मेंकई डीसीबी (खाई-सह-बंद) का निर्माण औरपुनरुद्धार, क्षतिग्रस्त सीमा बाड़का रखरखाव, आगेके क्षेत्रों मेंसेना के टैंकोंकी आवाजाही केलिए रैंप कानिर्माण, निगरानी और अन्यसुरक्षा तंत्र की स्थापनाके लिए सीमासुरक्षा बल 'मोर्चा' (सैन्य चौकियों), बंकरों औरस्थानों का उन्नयनशामिल है। केंद्रीयगृह मंत्रालय सेप्राप्त धन केमाध्यम से यहकाम किया जारहा है।
20 फरवरी 2021 को हुआसंघर्ष विराम समझौता
अधिकारियों ने कहाकि भारत औरपाकिस्तान द्वारा 20 फरवरी, 2021 कोजम्मू और कश्मीरमें मोर्चे परअपने संघर्ष विरामसमझौते को नवीनीकृतकरने के बादइन कार्यों कोशुरू किया गयाऔर पहला चरण (26 किलोमीटर पर) पूराकिया गया। बीएसएफके एक वरिष्ठअधिकारी ने कहा, 'दूसरा पक्ष भीइसी तरह काकाम कर रहाहै और बाड़के पास कोईबड़ा काम होनेकी स्थिति मेंदोनों पक्ष एक-दूसरे को सूचितकरते हैं।'
अच्छा चल रहासंघर्ष विराम समझौता
अधिकारियों ने कहाकि कुछ उल्लंघनोंको छोड़कर, जैसेकि जब पाकिस्तानने समझौते काउल्लंघन किया और 6 सितंबर को जम्मूमें अकारण गोलीबारीकी, पिछले सालका संघर्ष विरामसमझौता अच्छी तरह सेचल रहा है।संघर्ष विराम उल्लंघन तबहुआ, जब भारतीयपक्ष जम्मू केअरनिया सेक्टर में कुछ 'रखरखाव कार्य' कर रहाथा। बाद मेंबीएसएफ और पाकरेंजर्स के बीचफ्लैग मीटिंग हुईऔर संघर्षविराम कायमरखने का फैसलाकिया गया।
मिट्टी के रास्तोंको किया जारहा समतल
बंदूकों की खामोशीअंतरराष्ट्रीय सीमा परशांति बनाए रखनेमें मदद कररही है औरसीमावर्ती निवासी और किसानअपना सामान्य कामनिर्बाध रूप सेकर पा रहेहैं। जम्मू क्षेत्रमें सीमा चौकियोंतक पहुंचने केलिए बीएसएफ केजवानों के वाहनोंद्वारा उपयोग किए जानेवाले 'कच्चे' यामिट्टी के रास्तोंको समतल करनेका काम भीकिया जा रहाहै। अधिकारियों नेकहा कि कईस्थानों पर इनसंपर्क मार्गों पर समतलीकरणका काम पूराहो चुका है।
बीएसएफ द्वारा कश्मीरक्षेत्र में नियंत्रणरेखा (एलओसी) परइसी तरह काकाम किया गयाहै। यहां यहअपने सैनिकों केलिए 115 अग्रिम रक्षा स्थानों (एफडीएल) पर बंकरोंको वर्तमान सीजीआई (नालीदार जस्ती लोहा) सेस्टील से बनेसौर ऊर्जा वालेडिब्बों में परिवर्तितकर रहा है। 772 किलोमीटर लंबी नियंत्रणरेखा पर सेनाका पहरा हैऔर बीएसएफ इसमोर्चे के लगभग 435 किलोमीटर हिस्से में अपनीपरिचालन कमान केतहत तैनात है।
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