अब भारत में किसी पते पर पहुंचने के लिए गूगल मैप की जरुरत नहीं है। देश की सड़के, गलियां , रास्ते, बताने के लिए भारत को जल्द अपना खुद का नेविगेशन ऐप मिलने जा रहा है। साथ ही मैपिंग पोर्टल और भू-स्थानिक डेटा सर्विस उपलब्ध होगी। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने लोकेशन एंड नेविगेशन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन प्रोवाइडर मैप माई इंडिया के साथ मिलकर एक साझेदारी की है, जो भारत को स्वदेशी नेविगेशन सर्विस उपलब्ध कराएगी। मैप माई इंडिया को इसरो की तरफ से सैटेलाइट इमेज और ऑब्जर्वेशन डेटा उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि मैप माई इंडिया डिजिटल तरीक से सर्विस उपलब्ध कराएगा। भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। ऐसे में यूजर को नेविगेशन सर्विस, मैप और भू-स्थानिक सेवाओं के लिए विदेशी संस्थाओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब आपको Google Map, Google Earth की जरूरत नहीं रहेगी।
कैसे खास होगा स्वदेशी नेवीगेशन एप
स्वदेशी नेविगेशन ऐप कई मायनों में Google Map से खास होगा।
इसमें भारत सरकार के दिशा निर्देश के आधार पर सीमावर्ती इलाकों को दर्शाया जाएगा।
इसमें भारत की एकता, अखंडता का खास ख्याल रखा जाएगा।
इसमें रियल सैटेलाइट इमेज मिलेंगी, जिसे इसरो की तरफ से उपल्बध कराया जाएगा।
स्वदेशी नेविगेशन ऐप बिल्कुल मुफ्त होगा।
स्वदेशी नेविगेशन ऐप कोई विज्ञापन बिजनेस मॉडल के साथ नहीं आएगा।
आपको बताते चलें कि मैप माई इंडिया का मैप भारत के करीब सभी 7.5 लाख गांवो, 7500 से ज्यादा शहरों की सड़क, बिल्डिंग को कवर करता है। साथ ही देशभर के सभी 63 लाख किमी. रोड नेटवर्क की डिटेल है। मैप माई इंडिया करीब 3 करोड़ स्थानों की जानकारी उपलबध कराता है।
सुरक्षा के नजरिए से भी ये एप कहीं ज्यादा कारगर सिद्ध होगा।
ISRO ने MapmyIndia से की साझेदारी
इसरो के डिपॉर्टमेंट ऑफ स्पेस और मैप माई इंडिया की साझेदारी में NavIC, Bhuvan जैसी स्वदेशी सर्विस की मदद ली जाएगी। इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) को NavIC (Navigation with Indian Constellation) कहा जाता है। यह भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम है, जिसे ISRO ने विकसित किया है। वही Bhuvan एक केंद्रीय जियो-पोर्टल है, जिसे इसरो ने विकसित और होस्ट किया है। इसमें भू-स्थानिक डेटा सर्विस और एनालिस्स के लिए टूल हैं।
टीम स्टेट टुडे
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