लखनऊ, 11 फरवरी 2023 : जापान उत्तर प्रदेश में हाइड्रोजन एनर्जी और आटोमोबाइल सेक्टर सहित कई क्षेत्रों में बड़ा निवेश करेगा। दिल्ली के पास बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोनों ही देशों के बीच बड़े पैमाने पर व्यापार संभव हो सकेगा। जापानी कंपनियां ब्यूरोक्रेट होती हैं। प्रोसेस को ज्यादा महत्व देती हैं और सावधानी से निर्णय लेती हैं। यूपी उनके लिए व्यवसायिक मानकों पर खरा उतरा है। सिंगल विंडो सिस्टम से यह देरी भी कम होगी।
ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में शनिवार को दधीचि हाल में उत्तर प्रदेश के लिए भारत और जापान की विशेष प्लानिंग एवं ग्लोबल पार्टनरशिप के दौरान जापानी उद्योगपति यहां की अपार संभावनाओं से उत्साही दिखे। इसी दौरान पर्यटन विकास को देखते हुए जापान के प्रसिद्ध होटल समूह होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड (एचएमआई) ने यूपी में अयोध्या, वाराणसी और आगरा सहित अन्य शहरों में 30 नए होटल बनाने का एमओयू किया। जापानी कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ 7200 करोड़ के निवेश का समझौता किया। इससे करीब 10 हजार युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा।
जापान के प्रमुख शहरों में 60 से अधिक होटल संचालित कर रहे एचएमआई ग्रुप के निदेशक पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा कि वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर के विकास के बाद वहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। यह हमारे लिए अनुकूल अवसर है। वहीं दधीचि सभागार में विदेश मंत्रालय में सलाहकार (जापान) प्रो. अशोक चावला ने वर्ष 2000 से 2014 और 2014 से 2022 के अलग-अलग कालखंड में भारत और जापान के राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की तुलनात्मक चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरा हुआ तो 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जापान गए।
2017 में शिंजो आबे अहमदाबाद आए और हाईस्पीड रेल की कार्ययोजना बनी, वहीं वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी पुनः जापान गए। लगातार होने वाले इन शीर्ष नेताओं के दौरे से दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास पैदा हुआ है। स्वास्थ्य, ऊर्जा, लाजिस्टिक्स, होटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्सटाइल, स्टील, रियल एस्टेट, लेदर जैसे सेक्टर में निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। ग्रेटर नोएडा में जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास हो रहा है।
यामानाशी हाइड्रोजन कंपनी के चेयरमैन योशिहिको शिमिज़ू ने कहा कि जापानी कंपनियों की यह विशेषता है कि वह बगैर गहन अध्ययन के व्यापारिक समझौते नहीं करती और अगर एक बार निवेश के लिए कदम बढ़ा दिया तो उसे समय सीमा के अनुसार जरूर पूरा करती हैं। उनकी कंपनी हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है और यहां यूपी में बड़े प्रोजेक्ट की लिए तैयारी कर रही है। वहीं निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट को वैश्विक व्यापार की दृष्टि से बेहद उपयोगी करार दिया।
इसी तरह जापानी निवेशक कूड़ा प्रबंधन सेक्टर में काम रहे वन वर्ल्ड कारपोरेशन के सीईओ (रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर) टोमोकी आईटो, नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर की कंपनी ओएमसी पावर के सीईओ अजय कुमार, एनपीआई कंपनी लिमिटेड टोक्यो के प्रेसिडेंट नरेंद्र उपाध्याय, सोलर एनर्जी सेक्टर की कंपनी वीणा इंटरप्राइजेज की डायरेक्टर दीपशिखा महाजन ने भी यूपी में निवेश के अवसरों पर चर्चा की।
इसलिए खास है जापान
पिछले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश से जापान को निर्यात बढ़ा है। उत्तर प्रदेश ने 2021 में जापान को कुल 122 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया था। पिछले तीन वर्षों में 12 चुनिंदा क्षेत्रों ने जापान को यूपी के निर्यात में लगभग 82 प्रतिशत का योगदान दिया है। इसमें मशीनरी व उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल आर्गेनिक केमिकल, आटो कंपोनेंट, अपैरल, चमड़े के सामान और जूते-चप्पल, कारपेट, लोहे और स्टील आर्टिकल्स शामिल हैं।
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