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लखीमपुर मामला– SIT के “सवाल” जिनमें फंस गए आशीष मिश्रा और कर लिए गए गिरफ्तार



तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर सोमवार तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी। तब तक आशीष को न्यायिक हिरासत में रहना होगा ।


केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के घर पर शुक्रवार को दूसरा नोटिस चस्पा होने के बाद मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू शनिवार को क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पर्यवेक्षण समिति के सामने पेश हुआ। देर रात करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद जांच टीम ने आशीष को गिरफ्तार कर लिया।


डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि आशीष को जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच के दफ्तर में ही मेडिकल कराने के बाद पुलिस आशीष को लेकर कोर्ट पहुंची और उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। आशीष को सीजेएम कोर्ट लेकर आए हैं। आशीष मिश्र को सीजेएम दीक्षा भारती की कोर्ट में पेश किया गया। आशीष को सोमवार तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।


बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा ने 13 वीडियो पेश किए। ये वीडियो ही उनकी गिरफ्तारी की वजह बने। वीडियो की जांच के दौरान 2:20 से 3:36 बजे के बीच के फुटेज नहीं मिल सके। आशीष मिश्रा यह बात भी साबित नहीं कर सके कि हिंसा के दौरान वह दंगल में मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि मोनू षड्यंत्र वाली जीप में बैठे थे। आशीष यह भी नहीं बता पाए कि थार गाड़ी में मिले कारतूस किसके थे। सूत्र बता रहे हैं पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि घटना को अंजाम देने वाली थार जीप को आशीष मिश्रा ही चला रहे थे।


सूत्रों के अनुसार SIT के इन 15 सवालों के आशीष ने दिए ये जवाब


1- हिंसा के समय तुम कहां थे?

जवाब - दंगल में।


2- प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हिंसा के समय तुम घटनास्थल पर ही एक वाहन में थे। तुम्हारे काफिले में कितने वाहन थे?


जवाब- मैं दंगल में ही था। काफिले में कौन कार्यकर्ता थे मालूम नहीं।


3- तुम्हारे वाहन में और कौन-कौन लोग बैठे हुए थे?


जवाब- चालक हरिओम था। उसके साथ और कौन था मुझे नहीं मालूम, हम तो दंगल में थे।


4- जिस वाहन में तुम थे, वह किसका था?


जवाब- थार मेरी थी, लेकिन मैं उसमें नहीं था। एक ही बात कितनी बार पूछेंगे।


5- वाहन में तुम किधर बैठे थे? वाहन को कौन चला रहा था?


जवाब- मुझे नहीं मालूम, मैं नहीं था बस।


6- जब तुम्हारा वाहन घटनास्थल पर पहुंचा तो भीड़ कितनी थी?


जवाब- आप लाख बार पूछ लीजिए हम एक ही जवाब देंगे घटनास्थल पर हम मौजूद नहीं थे। वहां क्या हुआ कुछ नहीं पता। जो जानकारी हुई बाद में हुई।


7- भीड़ सड़क पर क्या कर रही थी? क्या भीड़ तुम्हारे वाहनों का रास्ता रोक रही थी?


जवाब- पता नहीं।


8- जब पहला आदमी वाहन से टकराया तो वाहन रोका क्यों नहीं?

जवाब- मैं होता तो गाड़ी रोकता। जब था ही नहीं तो कैसे रोकता। चालक ने ऐसा किन परिस्थितियों में किया पता नहीं।


9- तुम्हारे पास लाइसेंसी हथियार है या नहीं है? तुम्हारे साथ वाहन में किस-किस के पास लाइसेंसी हथियार थे?


जवाब- नहीं पता।


10- फायरिंग की आवाज वाहनों से कैसे आ रही थी?


जवाब- उत्तर हमको नहीं पता, बार-बार एक ही सवाल क्यों पूछ रहे आप लोग।


11- सोशल मीडिया पर कई वीडियो हैं जो घटनास्थल पर तुम्हारी उपस्थिति साबित कर रहे हैं?


जवाब- गलत हैं, मैंने जो वीडियो दिए वो सही हैं। घटना स्थल पर मैं नहीं था।


12- अगर यदि घटनास्थल पर नहीं थे तो FIR होने के बाद तुम अंडरग्राउंड क्यों हुए? नोटिस जारी होने के बाद भी पेश क्यों नहीं हुए?

जवाब- मैं दिल्ली में था और मीडिया से भी लगातार बात कर रहा था। पहले नोटिस की जानकारी समय से नहीं हुई। थोड़ी तबीयत भी ठीक नहीं थी। जानकारी होते ही आज इसलिए समय से पहले पेश हुआ।


13- तुम किस आधार पर दावा करते हो कि हिंसा के दौरान तुम घटनास्थल पर नहीं थे?


जवाब- दंगल के कार्यक्रम और गांव के वीडियो फुटेज और गांव वालों के हलफनामा इसके सबूत है। आप लोग इसकी जांच करा सकते हैं।


14- तुम घटनास्थल पर न होने के दावे के समर्थन में जो वीडियो दिखा रहे हो, उनकी सत्यता का आधार क्या है?


जवाब- सभी सही हैं। आप फॉरेंसिक जांच करा सकते हैं या भौतिक सत्यापन। जिससे साफ हो जाएगा कि मैं गांव पर था।


15- तुम्हारे दावे और उपलब्ध कराए गए साक्ष्य पर पुलिस भरोसा क्यों करे, जब तुमने अब तक कोई सहयोग हीं नहीं किया?


जवाब- पुलिस ने जैसे ही बुलाया मैं हाजिर हो गया। साथ ही जब भी मेरे सहयोग की जरूरत पड़ेगी दूंगा। मैं कोई अपराधी नहीं हूं। एक राजनेता का बेटा और मेरा खुद का व्यवसाय है।


टीम स्टेट टुडे



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