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विधान परिषद सभापति की चेतावनी, समय पर जवाब नहीं तो सदन करेगा कार्रवाई


लखनऊ, 28 मई 2022 : विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह शनिवार को नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह व मंत्रियों काे सख्त निर्देश दिए कि सदस्यों के प्रश्नों व सूचनाओंं के जवाब प्रत्येक दशा में निर्धारित समय पर देना सुनिश्चित करें। यह मामला संसदीय कार्यों के विलंब का है। अगर समय पर जवाब नहीं आए तो सदन के पास अपने अधिकार है और सदन अपने अधिकारों का प्रयोग करेगा।

सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह के विशेषाधिकार हनन की नोटिस पर यह व्यवस्था दी। दीपक ने कहा कि विधान परिषद सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का निर्धारित समय सीमा में सरकार उत्तर नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में उनके कुल 56 प्रश्न स्वीकृत हुए थे, जिनमें से मात्र 13 प्रश्नों के जवाब ही सरकार से मिले हैं। 43 प्रश्नों के उत्तर निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी नहीं मिले। यह पूरे सदन की अवमानना है। सभापति ने विशेषाधिकार हनन की सूचना तो अस्वीकार कर दी लेकिन सरकार को समय पर सवालों के जवाब देने के सख्त निर्देश जारी कर दिए।

कांग्रेस ने उठाया कोरोना लहर के दौरान अस्पतालों की दुर्दशा का मामलाः कांग्रेस के दीपक सिंह ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों की दुर्दशा का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से मृत हुए लोगों के स्वजन को 50 हजार रुपये की सहायता प्रदान कर रही थी, किंतु अमेठी जिले की मीरा के निधन होने के बावजूद उनके स्वजन को मुआवजा नहीं दिया गया। सहायता राशि के नाम पर स्वजन को दौड़ाया व परेशान किया जा रहा है।

नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने कहा वैश्विक महामारी में यदि मोदी व योगी न होते तो पता नहीं क्या होता। पहले जब वैश्विक महामारी आती थी तो विदेश से टीका मंगाया जाता था। ईश्वर से यही कामना है कि दोबारा यह महामारी न आए। कोरोना के दौरान जब मुख्यमंत्री योगी अस्पताल-अस्पताल घूम रहे थे तब प्रियंका से लेकर राहुल तक नदारद थे।

कोरोना से मृत हुए 39 हजार से अधिक लोगों के स्वजन को सरकार ने 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी है। जिस मामले का जिक्र यहां किया गया है उसके मामले की रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इस पर दीपक सिंह ने कहा कि सरकार को भले रिपोर्ट न मिली हो लेकिन उनके पास पूरी रिपोर्ट है। सभापति ने रिपोर्ट लेकर नेता सदन को इस मामले में संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

बसपा ने की पुलिस भर्ती की जांच की मांगः बसपा के अतर सिंह राव ने पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा उप निरीक्षक नागरिक पुलिस एवं समकक्ष पदों पर भर्ती की लिखित आनलाइन परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की। नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि 9524 पदों के लिए उप निरीक्षक भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस परीक्षा में 134 अभ्यर्थियों द्वारा गड़बड़ी कर परीक्षा पास करने के आरोप हैं।

इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि भविष्य में आनलाइन परीक्षा को सुधारते हुए आधार आधारित सत्यापन के जरिए परीक्षा कराई जाएगी। सभापति ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर दिया।

शिक्षक दल ने उठाया कानपुर के इंटर कालेज में घोटाले का मामलाः शिक्षक दल के सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने शनिवार को कानपुर के श्री मुनि इंटर कालेज में हुए करीब 1.50 करोड़ रुपये के घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसके जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच रिपोर्ट अभी तक मिली नहीं है।

इस पर शिक्षक दल ने कहा कि सरकार को जांच रिपोर्ट भले न मिली हो लेकिन उनके पास यह रिपोर्ट मौजूद है। उन्होंने नेता सदन के पास रिपोर्ट भेज दी। सभापति ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

निर्दलीय समूह ने उठाया अंकतालिका में प्रमोटेड लिखा होने का मुद्दाः निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चन्देल एवं डा. आकाश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में जिन छात्रों ने प्रमोटेड मार्कशीट के आधार पर उच्च कक्षा में प्रवेश लिया है एवं अंक सुधार परीक्षा जिन्होंने नहीं दी हैं, उन छात्रों के अंक कालेज द्वारा भेजे गये अंकों के आधार पर चढ़वाए जाएं।

उन्होंने कहा कि बगैर अंक के मार्कशीट को दूसरे प्रदेश व देशों में फर्जी कहा जाएगा। इसलिए इसमें अंक चढ़ाए जाएं। ऐसे करीब 37 हजार से अधिक छात्र हैं। नेता सदन ने कहा यह छात्र अंक सुधार परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे। इस पर आकाश अग्रवाल ने कहा कि अंक सुधार परीक्षा में तो छात्र तभी शामिल होंगे जब उनके अंक मार्कशीट में चढ़ेंगे। सभापति ने इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

विधान परिषद में पेश हुए दो विधेयकः विधान परिषद में शनिवार को दो विधेयक पेश किए गए। इनमें भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय विधेयक, 2022 व उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 हैं। यह दोनों ही विधेयक विधानसभा से पारित हो चुके हैं।

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